चंदौली मुख्यालय के आसपास ईंट भट्टों की चिमनियों पर भी लगना चाहिए बैन, उगल रहे जहरीला धुंआ
पैसे से लेकर नहीं करते जांच पड़ताल
केवल कागजी कार्रवाई से खत्म हो रहा प्रदूषण
दिखावे के लिए आज मनाया जा रहा है विश्व पर्यावरण दिवस
चन्दौली सदर जसुरी व आसपास जहां आज पूरे देश में पर्यावरण दिवस जोरों से मनाया जा रहा है और पेड़ पौधों को लगाकर पर्यावरण को स्वच्छ करने की बेहतर रूप से कोशिश की जा रही है। वहीं पर एक तरफ पर्यावरण के स्वच्छ हवा को दूषित करता चिमनी का धुआं खुली हवा में जहर घोलने का काम कर रही है, जिससे सांस लेने में घुटन महसूस हो रही है और अनेक प्रकार की बीमारियों का डर बन रहा है।
लगातार वायु प्रदूषण बढ़ते रहने से सांस व फेफड़े की होने वाली बीमारियां जैसे सांसों का फूलना, हृदय रोग, कैंसर, अस्थमा बढ़ रहा है और तमाम प्रकार के बीमारियों का कारण भी प्रदूषण बनता है।
ईंटों के भट्टा मालिकों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। वे बेखौफ होकर ग्रामीणों के जीवन से खेल रहे हैं। वायु मण्डल को दूषित करने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।
ज्ञात हो कि बासुपुर में स्थित स्टार भट्टा लगने के बाद आस पास का हरा भरा बाग-बगीचा और इलाके के पेड़ पौधे सूख गए। लोगों मिलने वाला फल फूल भी बंद हो गया। इलाके का पर्यावरण भी प्रदूषित हो गया।
ग्रामीणों का आरोप हैं कि जब चिमनी जलने लगती है तो उससे निकला अपशिष्ट ग्रामीणों के घरों में गिर कर लोगों को बीमार बना रहा है। शिकायत के बावजूद भट्टा मालिक कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। प्रदूषित वातावरण और आसपास के पेड़ पौधों को तथा सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
आपको बता दें कि चन्दौली क्षेत्र के बासुपुर, जसुरी, पड़या गांव के आसपास लगभग 3 ईंट भट्ठा के चिमनियों से लगातार धुंआ निकलता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान होने के साथ साथ लोगों को भी परेशानी में डालता है। इसको लेकर ग्रामीण चिंतित हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी मौन गैं। सभी ईंट भट्टा मालिक संचालन के लिए बने शासनादेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं तथा अपने निजी स्वार्थ के लिए आम जनमानस के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं।
केवल सरकार के निर्देश पर दिखावे के लिए पर्यावरण को बचाने की शपथ लेने से कुछ नहीं होगा जिम्मेदार अफसरों को मिलीभगत बंद करके जीवन को बचाने के लिए काम करना होगा। तभी पर्यावरण दिवस मनाने का कोई फायदा है।
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