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दलित परिवार के उत्पीड़न से नाराज हैं बलारपुर निवासी, पूर्व प्रधान की जमानत पर आक्रोश

 

चंदौली जिले के सकलडीहा कोतवाली के बलारपुर गांव में एक दलित परिवार के साथ हुए दुर्व्यवहार और आशियाना गिराये जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। कोतवाली पुलिस और तहसील प्रशासन की मनमानी को लेकर गांव में तनाव व्याप्त है।

सकलडीहा के पूर्व प्रधान को रविवार को एसडीएम न्यायालय से दूसरे दिन देर शाम को जमानत दिये जाने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताया है। दलित परिवार के लोगों ने विपक्षी के खिलाफ मुकदमा दर्ज न होने पर डीएम एसपी और मुख्यमंत्री व डीजीपी से शिकायत करने की चेतावनी दिया है।


प्रदेश सरकार जहां गांव के गरीब और दलितों के विकास के साथ सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिया है। वहीं स्थानीय तहसील और पुलिस प्रशासन की मनमाने रवैये के कारण दलितों का आये दिन उत्पीड़न हो रहा है। इसके बाद भी सत्ता पक्ष के जनप्रनिधि और अधिकारी मौन साधे हुए है। जिसका मामला तूल पकड़ने लगा है। आरोप है कि पिछले दिनों बलारपुर गांव में कुछ लोगों द्वारा रात में दलित परिवार के साथ दुर्व्यवहार करते हुए आशियाना को तोड़ दिया गया। जिसकी शिकायत दलित परिवार के लोगों ने स्थानीय कोतवाल, सीओ, और तहसील प्रशासन से किया।

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय शिकायत करने वाले को समाधान दिवस पर बुलाकर थाने में बंद कर दिया गया। यही नही दूसरे दिन एसडीएम न्यायालय से देर शाम को जमानत पर रिहा किया गया। पुलिस और तहसील प्रशासन के एक तरफ रवैया को लेकर लोगों में आक्रोश ब्यप्त है। पीड़ित परिवार ने विपक्षी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नही होने पर मुख्यमंत्री, डीजीपी और डीएम एसपी से शिकायत करने की चेतावनी दिया है।

वही कोतवाल अवनीश राय ने बताया कि मौके पर यथा स्थिती का निर्देश दिया गया है। इसके बाद भी ग्रामीण वहां पर काम कर रहे है।

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