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7 साल पुराने हत्या के मामले में आरोपी को मिली सजा, नरौली गांव में हुयी थी गुड्डू निषाद की मौत

ऑपरेशन कन्विक्शन के अंतर्गत धानापुर थाने के 7 वर्ष पुराने मामले में सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने सुनाई अभियुक्त को 7 वर्ष की सजा तथा 18,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
 

 ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत दी गई सजा

आरोपी बिट्टू निषाद को मिली सजा

 7 साल की जेल की सजा के साथ 15 हजार जुर्माना

चंदौली जिले के ऑपरेशन कन्विक्शन के अंतर्गत धानापुर थाने के 7 वर्ष पुराने मामले में सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने सुनाई अभियुक्त को 7 वर्ष की सजा तथा 18,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया।


   ज्ञात हो कि दिनांक 18-8-2016 को वादी गुड्डू निषाद ग्राम नरौली के द्वारा थाना धानापुर में लिखित तहरीर इस आशय की दी गयी कि प्रार्थी के ही गाँव के बिट्टू निषाद पुत्र स्व. जमुना निषाद आज दिनांक 18-8-2016 को रात करीब 7.00 बजे प्रार्थी से गाली-गुप्ता करने लगे। प्रार्थी गाली देने से मना किया तो प्रार्थी को लात घूँसा, डंडा से मारे-पीटे हैं जिससे प्रार्थी को चोटें आयी हैं। झगड़ा के समय आसपास के बहुत से लोगों ने देखा।


     चोटहिल गुड्डू निषाद को इलाज हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धानापुर भर्ती किया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद चोटहिल को पं कमलापति संयुक्त जिला चिकित्सालय चन्दौली में भेज दिया गया। दौरान इलाज दिनांक 19-8-2016 को मृत्यु हो गई। जिसकी सूचना राजेश कुमार निषाद द्वारा थाने पर दी गयी। उक्त सूचना के आधार पर मुकदमा को 304, 323, 504 में विवेचना प्रारम्भ की गयी। विवेचना में अभियुक्त की संलिप्तता पाई जाने पर अभियुक्त के विरिद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया।


   अभियोजन द्वारा मामले में कुल 9 गवाहों को परीक्षित कराया गया। गवाहों के साक्ष्य और लिखित साक्ष्यों के आधार पर, गुणवत्ता पूर्ण विवेचना एवं अभियोजन द्वारा साक्ष्यों के प्रभावी प्रस्तुति से अभियुक्त बिट्टू निषाद को सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ के न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध पाया गया। 


     सत्र न्यायाधीश द्वारा धारा 304 भा. द. वि. में 7 वर्ष के कठोर कारावास एवं 15000 रुपये का अर्थदण्ड लगया गया। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास एवं धारा 323 भा. द. वि. में एक वर्ष के कठोर कारावास एवं 1000 रुपये का अर्थदंड लगया गया अर्थदंड अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास की सजा तथा धारा 504 भा. द. वि. में 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियुक्त की सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी। जुर्माने की सम्पूर्ण धनराशि मृतक के परिजनों को दी जाएगी। अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौ. शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजेन्द्र कुमार पांडेय तथा पिंटू गुप्ता ने पक्ष रखा।

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