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मारूफपुर के रामशाला प्रांगण में रामकथा का आयोजन, कथा श्रवण करा रहे व्यास मनोज शास्त्री

इस दौरान उन्होंने रामविवाह व राम वन गमन की कथा सुनाते हुए लोगों को भावुक कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान राम का विवाह जगत जननी माता सीता के साथ जगत के लिये कल्याण कारी साबित हुआ।
 

सप्त दिवसीय रामकथा के छठां दिन

राम कथा की सार्थकता तभी है

जब व्यक्ति अपने आचरण में धारण करें

व्यास मनोज शास्त्री सुना रहे हैं राम की कथा

चंदौली जिले के चहनिया ब्लॉक के मारूफपुर स्थित बाबा कीनाराम वैष्णव मठ रामशाला परिसर में आयोजित सप्त दिवसीय रामकथा के छठें दिन सोमवार को कथा का श्रवण कराते हुए कथा व्यास मनोज कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने कहा कि आधुनिक परिवेश में लोग अपनी पत्नी को ख़ुश करने के लिये माता पिताजी का परित्याग कर दे रहे हैं, जो कि भारतीय संस्कार व परम्परा के विरुद्ध है।

Ramkatha

इस मौके पर उन्होंने कहा कि सिर्फ कथा को सुनने से कल्याण नहीं होने वाला है, बल्कि कथा के भाव को अपने जीवन में उतारने से ही कथा की सार्थकता है और इसी मे लोगों का कल्याण संभव है। इस दौरान उन्होंने रामविवाह व राम वन गमन की कथा सुनाते हुए लोगों को भावुक कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान राम का विवाह जगत जननी माता सीता के साथ जगत के लिये कल्याण कारी साबित हुआ। राम वन गमन में माता कैकेयी ने भगवान राम की इच्छा के अनुसार देवताओं के कार्य के लिए अपना सामाजिक बलि दिया था।

Ramkatha

कथा श्रवण के दौरान आरके पाण्डेय, सूबेदार मिश्रा, संतोष पाण्डेय बबलू, प्रधान प्रतिनिधि नदेसर अनिल यादव, मुकेश यादव, शिवम मिश्रा, हरिओम दुबे, नरेंद्र मिश्रा, बुल्लू यादव सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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