जंगल-झाड़ी न समझिए, यह हमारे गांव का 10 एकड़ वाला तालाब है
झाड़-झंखाड व घास-फूस से पट गया है तालाब
गांव में 10 एकड़ में फैला है तालाब
शिव मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बना था तालाब
कौन लेगा इसके जीर्णोद्धार का संकल्प
आपको बता दें कि जनपद में गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। पारा 40 डिग्री के पार पहुंच चुका है। जल स्तर का गिरना शुरू हो गया है। जल संकट से निबटने के लिए एक ओर शासन स्तर पर तालाबों को अमृत सरोवर के तहत चयनित कर कायाकल्प करने का काम किया जा रहा है वहीं बहुत से गांवों में अभी भी तालाबों का अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ है।
बताते चलें कि रेवसा गांव स्थित तालाब का भी हाल बेहाल है। लगभग 10 एकड़ क्षेत्र में फैला तालाब झाड़-झंखाड़ से पटकर अपना अस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच चुका है। मजे की बात है इसके जीर्णोद्धार की योजना अमृत सरोवर की योजना में नहीं बन पा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के बीच में स्थित यह तालाब पशुओं को नहलाने के साथ उनके पीने के पानी का साधन भी था लेकिन झाड़-झंखाड से पट जाने के कारण इसका कोई उपयोग नहीं रह गया है। पहले यह तालाब गांव की शोभा बढ़ाता था लेकिन अब इसकी ओर जाने में भय सताने लगा है।
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी केके सिंह ने बताया कि तालाबों का रख रखाव के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। रेवसां के तालाब के बदहाली की जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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