सकलडीहा विकास खंड में मनरेगा के नाम पर लूट जारी, अब शासन व सीएम के यहां होगी शिकायत
आरटीआई एक्टिविस्ट दीपेश कुमार सिंह का दावा
माननीय मुख्यमंत्री और आयुक्त ग्राम्य विकास से होगी शिकायत
जिले के अफसरों के संरक्षण में हो रही है लूट
जांच कराने में नहीं लेते दिलचस्पी
चंदौली जिले के सकलडीहा विकास खंड में आरटीआई एक्टिविस्ट दीपेश कुमार सिंह के द्वारा साक्ष्य सहित भ्रष्टाचार का खुलासा किया जा चुका है फिर भी जिला प्रशासन मौन है। दीपेश कुमार सिंह का कहना है कि कुछ कार्यो की जांच हेतु शिकायत की थी, परन्तु जिला प्रशासन खुद भ्रष्टाचार कराने में लिप्त है। इसीलिए इसकी जांच के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी और आयुक्त ग्राम्य विकास के समक्ष जांच हेतु शिकायत की जाएगी।
दीपेश सिंह ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में क्षेत्र पंचायत सकलडीहा के द्वारा लगभग 7 करोड़ और ग्राम पंचायतों के द्वारा लगभग 5 करोड़ का कच्चे कार्य के मद में भुगतान हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी क्षेत्र पंचायत द्वारा ढाई करोड़ का और ग्राम पंचायत द्वारा लगभग 6 करोड़ का कार्य कराया गया था। यही नहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायत के द्वारा 6 करोड़ का कार्य और क्षेत्र पंचायतों द्वारा कोई कार्य नहीं कराया गया था।
दिन प्रतिदिन सकलडीहा विकास खण्ड में कच्चे कार्यों पर भुगतान बढ़ता जा रहा है । इस मामले में दीपेश सिंह इसका कारण बताते हुए बताते हैं कि गांव के कच्ची नाली नाले और रास्ते तो बढ़ने वाले थे नहीं, तो कच्चे कार्य इतनी बड़ी मात्रा में आखिर कैसे बढ़ा दिए जा रहे हैं। इसका सीधा और स्पष्ट उत्तर है कि जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, क्योंकि एक ही कार्य 3 वर्ष के भीतर ही दूसरी बार और एक ही कार्य पर नाम बदलकर निकलने वाली अलग-अलग आईडी पर हुए भुगतान की वजह जमकर गोलमाल हो रहा है। यही नहीं पक्के कार्यों में भी निष्पक्ष टेंडर नहीं हो सका।
इसके अलावा शासनादेश के विपरीत रोजगार सेवक के पिता की फर्म पर क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत का भुगतान होता रहा। सकलडीहा विकासखंड पूरी तरह भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। यहां ग्राम रोजगार सेवक ठेकेदारों के साथ मिलकर मनरेगा के कार्यों को अंजाम देते हैं। ऑनलाइन अपलोड की जाने वाली फोटो में भी फर्जीवाड़ा किया जाता है। तमाम कार्य तो ऐसे पाए गए जिन पर फोटो अपलोड ही नहीं है और यदि अपलोड भी हैं तो वह क्रिप्टिक प्रकृति की है।
दीपेश कुमार सिंह कहते हैं कि सकलडीहा विकासखंड के मनरेगा के कार्यों की जांच अति आवश्यक है, क्योंकि पूरे विकासखंड में जहां एक वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ से अधिक का कार्य कागज पर हो रहा हैं, लेकिन घूमने पर मनरेगा के बोर्ड दिखाई नहीं देते हैं, जिससे साफ है कि बोर्ड को छिपाकर संगठित भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और इसमें जनपद स्तर के अधिकारियों का भी वरदहस्त प्राप्त है। इसलिए जिले से न्याय की कोई उम्मीद भी नहीं है।
दीपेश सिंह बार-बार इस बात को दोहराते हैं की सकलडीहा विकासखंड की स्वतंत्र केंद्रीय जांच समिति द्वारा यदि जांच कराई गई तो क्षेत्र पंचायत प्रमुख सहित दर्जनों की संख्या में ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत सचिव और अन्य कर्मी दोषी पाए जाएंगे। हालाकि कुछ अन्य आरोपों पर सीडीओ के आदेश पर वीडियो और डीसी मनरेगा ने टीम बना कर जांच किया है, लेकिन जांच रिपोर्ट अभी सामने नहीं आयी है।
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