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भाजपा नेता के ऊपर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग, अखिलेश यादव को दी नसीहत

शैलेंद्र पांडेय एडवोकेट ने कहा कि किसी भी सामान्य मुद्दे पर जिस तरीके से ओछी राजनीति चल रही है। यह आने वाले टाइम में भ्रष्टाचार के आंदोलन को कमजोर करेगी।
 

एफआईआर दर्ज होने को लेकर युवा संघर्ष मोर्चा ने दिया ज्ञापन

उपजिलाधिकारी से की इस बात की मांग

अखिलेश यादव के ट्वीट पर जताई आपत्ति  

चंदौली जिले के सकलडीहा में युवा संघर्ष मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल सकलडीहा उप जिलाधिकारी अनुपम मिश्रा से मिला और अलीनगर थाने में पिछले दिनों हुए भाजपा नेता सूर्यमुनी तिवारी के खिलाफ मुकदमे को लेकर के ज्ञापन सौंप कर मजिस्ट्रेटियल अर्थात न्यायिक  जांच की मांग की।

युवा संघर्ष मोर्चा के संयोजक शैलेंद्र पांडे एडवोकेट ने बताया कि सूर्यमुनी तिवारी के द्वारा यह सरकारी कर्मचारी की रक्षा की जा रही थी, उस व्यक्ति ने अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए भाजपा नेता के खिलाफ एक प्रार्थना पत्र देकर के मुकदमा दर्ज करवा दिया। यह पूरी तरह से निराधार है।

शैलेंद्र पांडे एडवोकेट ने कहा कि जल्दबाजी में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव जी के द्वारा जो ट्वीट किया गया है उसे ट्वीट को अपने स्थानीय नेताओं के द्वारा ठीक से समझ कर करना चाहिए था। अगर चंदौली के स्थानीय समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव जी को पूरी सच्चाई ठीक से अगर नहीं बता सकते हैं,  अपने सूत्रों के माध्यम से पता लगा करके ट्वीट करना चाहिए था।

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 शैलेंद्र पांडेय एडवोकेट ने कहा कि किसी भी सामान्य मुद्दे पर जिस तरीके से ओछी राजनीति चल रही है। यह आने वाले टाइम में भ्रष्टाचार के आंदोलन को कमजोर करेगी। अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी दल का कोई नेता अगर बोल रहा है, तो उसका समर्थन होना चाहिए।

वहीं शैलेंद्र पांडेय एडवोकेट ने कहा कि हम लोग को अच्छी तरह से याद है कि 6 अगस्त 2012 को एटा में तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर शिवपाल सिंह यादव ने टीवी के सामने सीधे स्पष्ट रूप से कहा था कि  मैने तो   पीडब्लूडी वालों से कह दिया है कि ईमानदारी से काम करोगे तो चोरी भी कर सकते हो। उस बयान को लेकर के युवा संघर्ष मोर्चा के द्वारा बनारस में एक जबरदस्त आंदोलन चलाया गया था, लेकिन अखिलेश यादव ने उसे पर कभी कोई ट्वीट या टिप्पणी नहीं की। इसलिए आज अगर चंदौली के इस प्रकरण को उन्होंने ट्वीट के जरिए या बताने की कोशिश की है, तो हमें इस बात की आपत्ति है कि पूर्व मुख्यमंत्री जी के द्वारा किसी भी घटना के सच्चाई को और किसी भी ऐसे आंदोलन को किसी भी दल के नेता के द्वारा अगर किया जा रहा है, तो उसका समर्थन करना चाहिए। सही बात का पता लगा करके ही कुछ चीज लिखनी चाहिए।

शैलेन्द्र पांडेय  न कहा कि हर चीज में राजनीति अच्छी बात नहीं होती है। दर्ज मुकदमे के मामले को लेकर  युवा संघर्ष मोर्चा स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है तब तक मोर्चा आंदोलन करता रहेगा। यह आंदोलन किसी भी शान सरकार या पुलिस के खिलाफ नहीं है या आंदोलन भ्रष्टाचार  के खिलाफ है जो भारतीय संस्कृति को कमजोर करने की नीयत से धन कमाने के लिए मानवता को तार तार कर रहा है।

 वही ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से विमलेश पाठक,  शिवम  दुबे, दिलीप पांडे,   विकास पांडेय,  मोनू, भुआल विश्वकर्मा,  माधव पांडेय, अम्बुज पांडेय,  विजय तिवारी, विनय तिवारी,  रोहित तिवारी, अभिषेक,  शिवम श्रीवास्तव, माधव पांडे, ईश्वर चंद्र पांडे, अतुल तिवारी,  दुर्गेश सिंह, आशुतोष सिंह आदि प्रमुख रूप से थे।

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