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अवैध अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा, नौगढ़ इलाके में 6 से अधिक हॉस्पिटल सील

स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से यह संदेश साफ हो गया है कि भविष्य में भी अवैध रूप से संचालित होने वाले किसी भी अस्पताल या क्लिनिक को बख्शा नहीं जाएगा।
 

नौगढ़ तहसील में स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

बिना पंजीकरण के चल रहे कई अस्पताल व सेंटर सील

डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई

चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए अवैध रूप से संचालित हो रहे आधे दर्जन से अधिक अस्पतालों को सील कर दिया। इस अचानक की गई छापेमारी से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिन अस्पतालों पर कार्रवाई की, उनमें से कई बिना पंजीकरण के चल रहे थे और उनके पास योग्य डॉक्टर भी मौजूद नहीं थे।

लगातार मिल रही थीं अवैध अस्पतालों की शिकायतें
नौगढ़ तहसील में पिछले काफी समय से अवैध रूप से संचालित अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं। इन अस्पतालों में न केवल मरीजों का शोषण हो रहा था, बल्कि इलाज के नाम पर उनकी जान को भी जोखिम में डाला जा रहा था। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने एक विशेष टीम का गठन किया। नोडल डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय सिंह के नेतृत्व में इस टीम ने नौगढ़ क्षेत्र में छापेमारी की।

कई बड़े अस्पताल हुए सील, मरीजों में अफरातफरी
छापेमारी के दौरान, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पाया कि कई जाने-माने अस्पताल बिना किसी पंजीकरण और लाइसेंस के चल रहे थे। इनमें आशीर्वाद हॉस्पिटल भी शामिल था। टीम ने पाया कि इस हॉस्पिटल का कोई पंजीकरण नहीं था, जिसके बाद इसे तत्काल बंद करने और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया। इसी तरह, डॉ. धीरज केसरी फैक्चर हॉस्पिटल को भी बिना पंजीकरण के संचालित होते पाया गया और उस पर भी कार्रवाई की गई।

इसके अलावा, AB क्लिनिक पैथोलॉजी सेंटर को भी सील कर दिया गया, जो खून जांच घर के नाम से चल रहा था। एक अन्य हॉस्पिटल, जो डॉ. भीमराव अंबेडकर के नीचे संचालित था, को भी सील करने की कार्रवाई की गई। टीम ने कृष्ण फार्मेसी को भी अवैध पाया और उस पर भी ताला लगा दिया। इस कार्रवाई के बाद, मरीजों के परिजनों में अफरातफरी मच गई और वे अपने मरीजों को आनन-फानन में दूसरे अस्पतालों में ले जाते नजर आए।

बिना डॉक्टर और कागजात चल रहे थे अस्पताल
डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय सिंह ने बताया कि इन अस्पतालों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जब टीम ने जांच की, तो पता चला कि इन अस्पतालों के पास न तो संचालन के लिए कोई वैध कागजात थे और न ही मौके पर कोई योग्य डॉक्टर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि लगभग आधे दर्जन से ज्यादा अस्पतालों को सील करने की कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य अवैध रूप से चल रहे मेडिकल प्रतिष्ठानों पर लगाम लगाना और लोगों को बेहतर और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कराना है।

भविष्य में भी जारी रहेगी ऐसी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से यह संदेश साफ हो गया है कि भविष्य में भी अवैध रूप से संचालित होने वाले किसी भी अस्पताल या क्लिनिक को बख्शा नहीं जाएगा। डॉ. संजय सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे अस्पतालों से सावधान रहें और किसी भी स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठाने से पहले उसके पंजीकरण और वैधता की जांच कर लें। इस तरह की कड़ी कार्रवाई से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि आम जनता का जीवन भी सुरक्षित रहेगा।

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