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अंध विद्यालय के बच्चों के लिए विदेश से मंगाये जायेंगे कॉर्निया, आँखों की वापस लौटेगी रोशनी

"रोशनी पास थी फिर भी अंधेरा था" लेकिन अब जल्द ही इन रोशनी को पहचानने और चीजों को देखने में समर्थ हो पायेंगे अमर ज्योति अंध संस्थान के बच्चे। इन जन्मांध बच्चों को चंदौली पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल की एक पहल दुनिया को देखने मे मददगार बनेगी
 
आर. के. नेत्रालय में चिकित्सकों की टीम कृष्णा नामक बच्चे का ऑपरेशन करेगी

"रोशनी पास थी फिर भी अंधेरा था" लेकिन अब जल्द ही इन रोशनी को पहचानने और चीजों को देखने में समर्थ हो पायेंगे अमर ज्योति अंध संस्थान के बच्चे। इन जन्मांध बच्चों को चंदौली पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल की एक पहल दुनिया को देखने मे मददगार बनेगी। इसके लिए मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आर. के. नेत्रालय वाराणसी में सभी जांच पूर्ण कर लिया गया है। आगामी 23 मई को वाराणसी के आर. के. नेत्रालय में चिकित्सकों की टीम कृष्णा नामक बच्चे का ऑपरेशन करेगी।

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 बता दें कि सकलडीहा के मनिहरा गाँव में अमर ज्योति मिशनरी के तहत अन्ध बच्चों को आवासीय पठन-पाठन की ब्यवस्था है। यहां पहुंचने वाला हर ब्यक्ति बच्चों के मासूमियत को देखने के बाद भावुक हो जाता है। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल भी इन बच्चों के बीच पहुंचे। जहां बच्चों की प्रतिभा को देखकर यह अपने आप को रोक नही पाए। उन्होंने जनपद में गरीब असहायों के आंख का मुफ्त इलाज कराने वाली मातृभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह से सम्पर्क किया। जिसके बाद संस्था के तत्वावधान में आर.के. नेत्रालय के प्रबंध निदेशक डा. आर. के. ओझा ने पुलिस अधीक्षक की इस पहल पर बच्चों का परीक्षण कर रोशनी की संभावना आदि की जांच करने की बात कही।

 पिछले 30 अप्रैल को विद्यालय के 27 बच्चों को पुलिस अधीक्षक चन्दौली स्वयं लेकर आरके नेत्रालय पहुंचे। जहाँ अत्याधुनिक उपकरणों द्वारा इन सभी बच्चों का जांच हुआ। जांच में आठ बच्चों में रोशनी वापस आने की सम्भवना दिखी। जिसमे कुछ को कार्निया के बदलने से रोशनी वापस मिलेगी और उनके लिए कॉर्निया विदेश से मंगाये जा रहे। वहीं आधा दर्जन ऐसे बच्चे मिले जिनका कुछ दिनों तक लगातार इलाज से रोशनी वापस आने की सम्भावना जताई गई। शुरुआती इलाज के बाद इन बच्चों को चश्मा दिया गया। चश्मा लगाते ही पांच बच्चों की आंखों में चमक आ गई।

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वही छः वर्षीय मासूम सूरज ने खुशी से उछलते हुए कहा सब दिख रहा डॉक्टर साहब उज्जर पहिनले हउवें। किसी ने कहा कि चश्मा वापस करना है तो बोला कि ना देब एके लगा के सब दिखत ह। वहीं कुछ बच्चों ने रंग, अक्षर और गिनती पहचान लिया। आगामी 23 मई को कृष्णा नामक बालक का कार्निया प्रत्यारोपन किया जाएगा। वहीं सफल होने पर अंश ,प्रियाजल, रिद्धिमा, सूरज, हर्ष में भी रोशनी वापस आने की सम्भावना है। जिसका ऑपरेशन होगा। हर किसी के लिए आज  एकदम से भावुक एवं नि: शब्द कर देने वाला दिन था।

कार्यक्रम का आयोजन मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह के कुशल मार्गदर्शन में किया गया। इस कार्य के लिए उन्होंने पुलिस अधीक्षक श्री अंकुर अग्रवाल की पहल, डॉ. आर.के.ओझा के अतुलनीय सहयोग और बच्चों की अच्छी देखरेख और प्रशिक्षण के लिए अमरज्योति सेवा केन्द्र के प्रबंधन और शिक्षकों की तारीफ की और आभार भी दिया कि उनकी वजह से मातृभूमि सेवा ट्रस्ट ने अपने सेवा कार्य में यह एक अविस्मरणीय पल प्राप्त किया। इस दौरान चश्मा वितरित करते हुए संजय कुमार सिंह भावुक हो गए और कहा कि आगे कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों के आंख की रोशनी वापस करा सकें। आभार ज्ञापन रीता पाण्डेय ने किया उन्होंने दृष्टिविहीन बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम और मिमिक्री की भूरि भूरि प्रशंसा की । 

इस अवसर पर दीपू सिंह, पंकज सिंह, सुबाष विश्वकर्मा, संस्था के कोऑर्डिनेटर सुजीत सहित अमर ज्योति सेवा केंद्र के सभी शिक्षक और छात्र उपस्थित थे।

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