
चंदौली जिले के सांसद और भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय से आज पीड़ित लाकरधारियों ने मुलाकात करके अपनी व्यथा सुनाई और बैंक प्रबंधन व पुलिस की ढीली ढाली कार्यप्रणाली पर चर्चा की। इस पर महेंद्र नाथ पांडेय ने सभी महिलाओं से फिलहाल कुछ दिनों तक आंदोलन न करने की अपील की और कहा कि वह खुद बैंक के एमडी से बातचीत करेंगे और इस मामले में पहल करते हुए अधिकतम मुआवजा दिलाने की कोशिश करेंगे।
डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने गुरुवार की सुबह पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में लगभग डेढ़ दर्जन पीड़ित लाकरधारी महिलाओं और पुरुषों के साथ मुलाकात करते हुए कहा कि प्रशासन ने उन्हें सही जानकारी नहीं दी थी। उन्हें नहीं मालूम था कि इस घटना में इतनी बड़ी क्षति हुई है। अब वह इस घटना से पूरी तरह से भिज्ञ हो गए हैं और इसमें अपनी ओर से कोशिश करेंगे। चंदौली जिले के प्रतिनिधि के रूप में सबकी मदद करना उनका कर्तव्य है।
इस दौरान पीड़ित महिलाओं ने बैंक प्रबंधन द्वारा की जा रही हीलाहवाली और पुलिस द्वारा उचित तरीके से सहयोग न करने की भी शिकायत की गई। महिलाओं ने मंत्री महोदय से कहा कि लगभग 3 महीने के संघर्ष के बाद पुलिस ने हम लोगों की तहरीर पर बैंक प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जबकि हम लोगों की यह मांग घटना के बाद से ही की जा रही थी। पुलिस के द्वारा पकड़े गए चोर और बरामद किए गए सामान को भी संदिग्ध करार देते हुए कहा कि जो भी बरामद की है वह संतोषजनक नहीं है।
सांसद ने कहा कि आपके द्वारा किए जा रहे धरने प्रदर्शन की जानकारी उनको किसी ने नहीं दी। ऐसे लगता है कि उनका सूचना तंत्र कुछ कमजोर है। वह पीड़ित लॉकरधारियों की मदद के लिए बैंक के शीर्ष प्रबंधन से बात करेंगे और अधिकतम मुआवजा दिलवाने की कोशिश करेंगे।
इस दौरान मंत्री महोदय के आश्वासन के बाद महिलाओं ने 1 सप्ताह तक इंतजार करने का फैसला किया है। अगर तब तक कोई ठोस पहल नहीं होती है तो 21 मई से एक बार फिर यह आंदोलन शुरू किया जाएगा।
मंत्री से मुलाकात करने वालों में अलका तिवारी, सुमनलता तिवारी, रेखा सिंह, राखी सिंह, लोकनाथ सिंह, विजय प्रताप सिंह, भुवनेश्वर सिंह, प्रभा सिंह, विजय कुमार तिवारी, दिनेश सिंह, रिंकु कुमारी, बिनोद सिंह समेत कई अन्य लॉकरधारी भी शामिल थे।