'SKY रूम्स कैफे' पर होगा एक्शन, रिपोर्ट बनने का हो रहा है इंतजार
रेस्टोरेंट की आड़ में चल रहा था 'अवैध' होटल
पुलिस की भूमिका पर भी सवाल
आखिर क्यों नहीं कार्रवाई कर रहे थे पुलिस व तहसील के लोग
ग्राम प्रधान से नाराज हैं इलाके के लोग
चंदौली जिले के मुगलसराय के दुलहीपुर स्थित 'SKY रूम्स कैफे' में कथित अवैध गतिविधियों के आरोपों और स्थानीय ग्रामीणों के जोरदार हंगामे के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। रविवार को सीओ और तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर कैफे-सह-होटल से जुड़े दस्तावेजों की गहनता से जाँच की। इस दौरान सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं, जिससे परिसर के भीतर की गतिविधियों का पता चल सके।
जांच में शुरुआती तौर पर यह खुलासा हुआ है कि इस प्रतिष्ठान को रेस्टोरेंट चलाने की अनुमति मिली हुई थी, लेकिन इसका अवैध तरीके से होटल या लॉज के रूप में संचालन किया जा रहा था। इस गंभीर उल्लंघन ने नियमों को ताक पर रखने की पुष्टि की है। इसके साथ ही, स्थानीय पुलिस की भूमिका भी गहरे संदेह के घेरे में आ गई है, क्योंकि ग्रामीणों ने पहले भी शिकायतें की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
अधिकारियों ने खंगाले दस्तावेज, सख्त कार्रवाई की तैयारी
मौके पर पहुंचे अधिकारियों की टीम ने SKY रूम्स कैफे के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, अनुमति पत्र, जीएसटी पंजीकरण और फायर सेफ्टी से जुड़े तमाम दस्तावेजों की विस्तार से जांच की।
एसपी आदित्य लांग्हे के फरमान के बाद इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि अफसरों की रिपोर्ट आते ही संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने जोर देकर कहा कि रेस्टोरेंट की अनुमति लेकर अवैध रूप से होटल या लॉज चलाना नियमों का गंभीर उल्लंघन है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, 'अश्लील पार्टियों' का आरोप
यह पूरा मामला तब गरमाया जब दुलहीपुर के ग्रामीणों को SKY रूम्स कैफे में लंबे समय से चल रही संदिग्ध गतिविधियों और लड़के-लड़कियों के लगातार आने-जाने की सूचना मिली। शनिवार की रात को इन गतिविधियों के अत्यधिक बढ़ने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने मौके पर हंगामा शुरू कर दिया।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कैफे में शनिवार की रात में नई-नई जगहों से लड़कियां लाई जाती हैं और शनिवार की रात को अक्सर अश्लील पार्टी आयोजित की जाती थी। इन पार्टियों में मुगलसराय और बनारस (वाराणसी) के लोग शामिल होते थे, जहां नाच-गाने और मनोरंजन का सिलसिला देर रात तक चलता था और सुबह होने से पहले ही सारे लोग वहां से रफा-दफा हो जाते थे।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस संदिग्ध होटल के खिलाफ पहले भी महाबलपुर गांव के लोगों के माध्यम से पुलिस प्रशासन और तहसील के अधिकारियों से कई बार शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ठोस पहल नहीं की गई।
पुलिस पर लगा 'संरक्षण' देने का आरोप
स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने सीधे तौर पर स्थानीय पुलिस पर इस गोरखधंधे को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है। यह माना जा रहा है कि यह सारी अवैध गतिविधियां एक बड़े व्यापारी के नाम पर की जा रही थीं, जिसका पुलिस महकमे में अच्छा खासा दखल था और वह पुलिस को मैनेज करके यह सारा गोरखधंधा चला रहा था। यही कारण था कि पुलिस के लोग इस पर कार्रवाई करने से लगातार बच रहे थे।
हालांकि, शनिवार की रात जब ग्रामीणों के विरोध और हंगामे ने जोर पकड़ा, तब जाकर रविवार को पुलिस और तहसीलदार हरकत में आए और मौके पर पहुंचकर दस्तावेजों की जांच-पड़ताल शुरू की। जांच के दौरान वहां के क्रियाकलापों की भी जांच की गई, जिसमें सबूतों के आधार पर यह पता चला है कि रेस्टोरेंट की अनुमति लेकर अवैध तरीके से इसे होटल और कैफे के रूप में संचालित किया जा रहा था। अब देखना यह है कि प्रशासन की विस्तृत रिपोर्ट में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर क्या खुलासा होता है और संबंधित दोषियों पर कितनी कठोर कार्रवाई की जाती है।
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