अब सकलडीहा एसडीएम के खिलाफ आंदोलन, करप्शन का आरोप लगाकर लगाए नारे
अधिवक्ताओं ने एसडीएम के खिलाफ खोला मोर्चा
पूरी तहसील पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
अधिवक्ताओं ने किया न्यायिक कार्य का बहिष्कार
जानिए क्या है विरोध का असली मामला
चंदौली जनपद के सकलडीहा तहसील के उपजिलाधिकारी अनुपम मिश्रा पर अधिवक्ताओं ने खुलेआम भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। यही नहीं एसडीएम को सकलडीहा तहसील से हटाने के लिए अधिवक्ताओं ने सोमवार को तहसील परिसर में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी किया। इस दौरान 'भ्रष्ट प्रशासन मुर्दाबाद व एसडीएम चोर है'... के नारे भी लगाए गए।
आपको बता दें कि चंदौली जनपद के सकलडीहा तहसील के उपलाधिकारी अनुपम मिश्रा पर अधिवक्ताओं ने खुलेआम भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि एसडीएम द्वारा पैसे के बल पर गलत आदेश कर दिया जा रहा है, जिससे आम गरीब जनता परेशान है। अधिवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि तहसील में भ्रष्टाचार व्यापक पैमाने पर चल रहा है। एसडीएम से लेकर लेखपाल तक खुलेआम वसूली कर रहे हैं, जिसके कारण दूर दराज से आने वाले गरीब लोग परेशान हैं।
अधिवक्ता एसके मिश्रा ने आरोप लगाया कि जमीन के फाट के मामले में पैसे वाले विपक्षियों से पैसा लेकर उप जिलाधिकारी द्वारा गलत आदेश कर दिया गया है, जिससे न्याय बाधित हो रहा है। हम लोग इसीलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग कर रहे हैं कि ऐसे अधिकारियों की जांच कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए और इनको सकलडीहा तहसील हटाया जाए।
अधिवक्ताओं ने एसडीएम के कार्यवाही से नाखुश होते हुए उनके हटने तक न्याय कार्य का बहिष्कार करने की भी बात कही है। सकलडीहा तहसील में इसके पहले भी कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है और उनको हटाने के लिए अधिवक्ताओं ने लंबा आंदोलन किया है।
आप लोगों को याद होगा कि इसके पहले तहसीलदार वंदना मिश्रा के ऊपर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था और उनको हटाने के लिए अधिवक्ताओं द्वारा लंबा आंदोलन भी किया गया था। हालांकि अधिवक्ताओं के आंदोलन के बाद तहसीलदार को सकलडीहा से हटना पड़ा था।
इस संबंध में उप जिलाधिकारी सकलडीहा अनुपम मिश्रा ने बताया कि अधिवक्ताओं द्वारा गलत आरोप लगाया जा रहा है। फाइल में चार भाइयों के फाट का मामला है, जिसमें एक हिस्सेदार को सड़क पर उसमें हिस्सा नहीं मिल रहा था। मलियत के हिसाब से सबको सामान्य रूप से फाट बनाने के लिए आदेश दिया गया है। सारे आरोप निराधार व मनगढ़ंत हैं। जबरदस्ती का दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
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