सरकार व प्रशासन ने नहीं सुनी गुहार तो हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, दुलहीपुर बाजार में मुआवजे के भुगतान के बाद ही टूटेंगी दुकानें
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासन को दिया आदेश
नियमानुसार अधिग्रहण की प्रक्रिया करनी होगी पूरी
बिना मुआवजा दिए मकानों और दुकानों को न तोड़ने का आदेश
चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर के पड़ाव से गोधना तक सिक्स लेन के लिए दुलहीपुर और महावलपुर की 300 से ज्यादा दुकानें बिना मुआवजा दिए नहीं तोड़ी जाएंगी।
आपको बता दें कि बाजार के 109 दुकानदारों की याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासन को नियमानुसार अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी किए बिना मकानों और दुकानों को न तोड़ने का आदेश दिया है। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में दुलहीपुर महाबलपुर बचाओ संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने इसे अपने संघर्षों की जीत बताई।
बताते चलें कि नगर के एक होटल में मोर्चा के संरक्षक रतन श्रीवास्तव, डॉ. आरके शर्मा, गुलसेर सिद्दीकी आदि ने कहा कि सिक्स लेन के लिए तीन सौ से अधिक दुकानदारों और घरों को तोड़ने की योजना है। प्रशासन दुलहीपुर में सैकडों वर्षों से बसे लोगों को अतिक्रमणकारी मान रहा है। बिना मुआवजा दिए दुकानों की पैमाइश कर रहा है।
बता दें कि पिछले दो से कोरा आश्वासन दिया जा रहा है। बताया कि मोर्चा की मदद से 109 लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका याचिका दायर की थी। कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि प्रतिवादी अधिकारी वैधानिक प्रावधान का पालन किए बिना याचिकाकर्ताओं के घरों को ध्वस्त नहीं करेंगे। कहा कि मोर्चा लगातार दुलहीपुर में सिक्स लेन के बजाए फोर लेन निर्माण की मांग करता रहा है।
इससे दुकानें और मकानें बच सकती है। यदि प्रशासन बात नहीं मानता है तो मुआवजा देकर उनकी भूमि अधिग्रहित करनी होगी। कहा कि कोर्ट के आदेश की प्रति डीएम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
इस संबंध में पीडब्लूडी के एक्सईएन राजेश कुमार ने कहा कि कोर्ट ने निजी जमीन का अधिग्रहण करने का आदेश दिया है। उचित मुआवजा देकर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। वहीं, सरकारी भूमि और तालाब पर हुए निर्माण गिराए जाएंगे।
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