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जीरो टॉलरेंस पॉलिसी फुस्स : आखिर किसकी मेहरबानी से दागदार ARTO काट रहे हैं दो-दो जिलों की मलाई

सूत्रों की माने तो एआरटीओ संतोष सिंह की चार्जशीट के साथ गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हो गया था, लेकिन एआरटीओ संतोष सिंह लोअर कोर्ट से गिरफ्तारी के लिए स्टे ले लिए है।
 

दागदार ARTO को दो जनपदों का चार्ज

स्टे लेकर नौकरी कर रहे है साहब

जानिए क्या है STF के द्वारा दर्ज मामला

चंदौली जिले के एआरटीओ प्रवर्तन द्वितीय का अतिरिक्त चार्ज संतोष सिंह को दिया गया है, जो वर्तमान समय में मिर्जापुर में तैनात हैं। उनके ऊपर पूर्व में ओवरलोड वाहनों की वसूली का ऑडियो क्लिप एसटीएफ के हाथ में लगने के कारण पुष्टि के आधार पर गोरखपुर एसटीएफ ने एआरटीओ के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया है। गिरफ्तारी से बचाने के लिए साहब स्टे लेकर नौकरी कर रहे हैं। दागदार होने के बाद भी एआरटीओ संतोष सिंह को दो जनपदों का चार्ज दिया गया है।

आपको बता दें कि जीरो टॉलरेंस के नीति पर कार्य करने वाली योगी आदित्य नाथ की भ्रष्टाचार मुक्त सरकार में दागदार एआरटीओ को दो-दो जिला का चार्ज दिया गया है, जिसकी चर्चा जोरों पर हो रही है।

पूर्व में प्रमुख सचिव गृह ने शासन स्तर से संभागीय परिवहन विभाग गोरखपुर कि अवैध कमाई की जांच एसटीएफ को सौंप थी। गोरखपुर एसटीएफ ने 26 जनवरी 2020 को ओवरलोड वाहनों से संभागीय परिवहन विभाग आरटीओ की मिलीभगत से वसूली का भंडाफोड़ कर दो होटल मालिक धर्मपाल सिंह और मनीष सिंह समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से एक रेनॉल्ट डस्टर कार, एक स्कॉर्पियो, 12 मोबाइल, अवैध वसूली का 28 हजार 400 रुपए, 35 डायरी, रजिस्टर हाथ लगे थे, जिसमें विभिन्न जनपदों के आरटीओ के विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों का नाम नंबर विभिन्न बैंकों के चेक बुक एटीएम विभिन्न गाड़ियों के आरसी की छाया प्रति व कई ड्राइविंग लाइसेंस मिले थे।

 एसटीएफ की जांच में सामने आया कि प्राइवेट चालक और आरटीओ की सिपाही खुद भी वसूली में शामिल होते हैं, जिनके बाद एसटीएफ ने आरटीओ के अफसर की सूची तैयार करने लगे। एसटीएफ के जांच में बिचौलिया धर्मपाल सिंह व आजमगढ़ एआरटीओ प्रवर्तन संतोष सिंह से ओवरलोडिंग वाहनों की अवैध वसूली से जुड़ा एक ऑडियो टेप मिला। अवैध वसूली का ऑडियो टेप को एसटीएफ ने जांच किया तो एआरटीओ संतोष सिंह का ट्रांसफर आजमगढ़ जनपद से मिर्जापुर जिले में हो गया था।

 एसटीएफ की जांच में एआरटीओ संतोष सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करते हुए, उसमे उल्लेख किया है कि मोबाइल को लिसनिंग पर लेकर मुख्य अभियुक्तों के साथ हुई वार्ता को वायस सुनकर तैयार की गई. सीडीआर से प्राप्त कॉल डिटेल के अनुसार अपराध में लिप्त होने की पुष्टि हुई है। उसके कुछ दिन बाद चंदौली जनपद के अतिरिक्त चार्ज पर प्रवर्तन द्वितीय पद पर नियुक्त हुए हैं।

सूत्रों की माने तो एआरटीओ संतोष सिंह की चार्जशीट के साथ गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हो गया था, लेकिन एआरटीओ संतोष सिंह लोअर कोर्ट से गिरफ्तारी के लिए स्टे ले लिए है।  स्टे के बल पर साहब दो-दो जिलों में मलाई काट रहे हैं।

चंदौली में भी इसके पहले एआरटीओ के पद पर तैनात रहे आरएस यादव के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ था, भ्रष्टाचार के मामले को लेकर उनके ऊपर भी कार्यवाही हुई और उनको लंबे समय तक जेल की हवा खानी पड़ी थी।

इस संबंध में आरटीओ वाराणसी शेखर ओझा ने बताया कि मुझे किसी की तरह के भ्रष्टाचार के मामले की जानकारी नहीं है और ट्रांसफर पोस्टिंग शासन स्तर पर किया जाता है।

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