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नौगढ़ तहसील में भ्रष्टाचार का नया अध्याय : घूसखोरी का ऑडियो हो गया है लीक

जब अधिवक्ता ने ऑनलाइन एंट्री के लिए 5000 रुपये की मांग पर सवाल उठाया, तो लेखपाल अरविंद कुमार आगबबूला हो गया और सीधा 5 लाख की मांग कर डाली!
 



लेखपाल की 5 लाख की डिमांड से तहसील में हड़कंप

अधिवक्ता से बदतमीजी और धमकी का मामला गरमाया

घूसखोरी वाला ऑडियो हो गया है लीक  

चंदौली जिले की नौगढ़ तहसील में एक बार फिर भ्रष्टाचार का भांडा फूटा है, लेकिन इस बार मामला सिर्फ चंद हजार की रिश्वत का नहीं, बल्कि सीधे 5 लाख रुपये की खुली मांग का है। एक वायरल ऑडियो में तहसील के लेखपाल अरविंद कुमार को खुलेआम रिश्वत मांगते और अधिवक्ता बाबूलाल शर्मा को धमकाते सुना जा सकता है।

आपको बता दें कि नौगढ़ तहसील में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं, बल्कि एक सुनियोजित सिस्टम बन चुका है। लेखपाल द्वार 5 लाख रुपए की मांग का मामला सामने आते ही प्रशासन ने जांच के आदेश तो दे दिए, लेकिन क्या पहली बार हुआ है? कितने मामलों में तहसील प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। यह सवाल अब खुल कर पूछा जा रहा है कि अगर नौगढ़ तहसील में लेखपाल इतने बेखौफ होकर घुस मांग सकता है, तो क्या अकेले कर रहा था। क्या तहसील के अधिकारी भी इस गोरखधंधे में हिस्सेदार हैं? अगर नहीं, तो फिर ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं होती?

ऑडियो वायरल: रिश्वतखोरी का 'ओपन सीक्रेट' बाहर आया!

विकास खंड नौगढ़ के विशेषरपुर गांव के कुछ निवासियों ने अपनी जमीन की वरासत दर्ज कराने के लिए अधिवक्ता के माध्यम से सभी जरूरी दस्तावेज लेखपाल को सौंपे थे। पहले तो लेखपाल ने 2000 रुपये की रिश्वत ली, लेकिन फाइल फिर भी आगे नहीं बढ़ी। जब दोबारा संपर्क किया गया तो नया बहाना तैयार था—"कागज खो गए!" तहसील दिवस पर जब अधिवक्ता बाबूलाल शर्मा ने एसडीएम के सामने लेखपाल की शिकायत की, तो मामला तूल पकड़ गया। लेखपाल और अधिवक्ता के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए। लेकिन असली धमाका तब हुआ, जब रिश्वतखोरी की बातचीत का ऑडियो लीक हो गया!

"तुम गवर्नर हो क्या?"—भ्रष्टाचार की दादागिरी

ऑडियो में लेखपाल की बेखौफ लहजे ने सभी को चौंका दिया। जब अधिवक्ता ने ऑनलाइन एंट्री के लिए 5000 रुपये की मांग पर सवाल उठाया, तो लेखपाल अरविंद कुमार आगबबूला हो गया और सीधा 5 लाख की मांग कर डाली! और जब वकील ने विरोध किया तो तंज कसते हुए कहा— यह केवल रिश्वतखोरी नहीं, बल्कि प्रशासनिक गुंडागर्दी का एक खतरनाक चेहरा है, जहां सरकारी कर्मचारी आम नागरिकों को धमकाने से भी पीछे नहीं हटते।

अब क्या होगा? कार्रवाई या फिर लीपापोती?

इस घूसखोरी कांड के सामने आने के बाद एसडीएम कुंदन राज कपूर ने जांच के आदेश तो दे दिए हैं, अब देखना यह है कि लेखपाल पर निलंबन और सख्त कानूनी कार्रवाई होगी या फिर बस जांच के आदेश देकर मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा। इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आएंगे। लेकिन एक बात साफ है—अगर भ्रष्टाचार के ऐसे मामले सख्ती से नहीं रोके गए, तो नौगढ़ तहसील जैसे स्थानों में रिश्वतखोरी का खेल और भी बेलगाम हो जाएगा!

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