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10 करोड़ खर्च बदलने थे खंभे और तार, मनमानी स्पीड से काम कर रहे ठेकेदार, जिले में नहीं मिल रहे मजदूर

दोनों क्षेत्र के जर्जर तारों और खंभों को बदला जाना है। योजना के तहत ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है, लेकिन विभाग और कार्रवादाई संस्था को लापरवाही से कार्य में विलंब हो रहा है।
 

अब तक मात्र 60 प्रतिशत ही हो पाए काम

दिसंबर 2023 तक ही पूरा होना था काम

खतरे को दावत दे रहे हैं जर्जर पोल व तार

 बंगाल के मजदूरों पर काम पूरा करने का जिम्मा

चंदौली जिले में बिजली के जर्जर तारों और खंभों को बदलने का काम पिछले एक वर्ष से चल रहा है। करीब 10 करोड़ की लागत से चल रहे काम के तहत अब तक मात्र 60 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो सका है। पिछले वर्ष के अंत तक जर्जर एलटी तारों को बदलकर हाईटेंशन तारों को बदलने का काम शुरू करना था, लेकिन अब तक एलटी तारों को ही नहीं बदला जा सका है।

आपको बता दें कि दोनों क्षेत्र के जर्जर तारों और खंभों को बदला जाना है। योजना के तहत ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है, लेकिन विभाग और कार्रवादाई संस्था को लापरवाही से कार्य में विलंब हो रहा है। कुछ दिन बाद गर्मी का मौसम शुरू हो जाएगा। ऐसे में जर्जर तारों के टूटने से परेशानी हो सकती है।
उत्तर प्रदेश शासन ने गर्मी आने के पूर्व ही निर्वाध बिजली आपूर्ति के लिए जर्जर तारों व खंभे को बदलवाने का निर्णय लिया था। इसके लिए निजी कंपनी ने सर्वे का कार्य पूरा कर वर्ष 2023 के मार्च माह से कार्य आरंभ कर तो दिया लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं किया जा सका है।
 विभाग के दावों की मानें तो वर्ष 2023 के दिसंबर माह तक कार्य पूरा कर लिया जाना था। एजेंसी की ओर से आयु पूरी कर चुके तार, पोल, खंभों व खराब संसाधनों को बदला जा रहा है लेकिन कार्य की गति काफी धीमी है। अब तक मात्र 60 प्रतिशत ही एलटी तार बदले गए हैं।
ठेका लेने वाली कंपनी के साइट इंजीनियर का कहना है कि जिले में मजदूर न मिलने से काम में देरी हो रही है। इस काम को कराने के लिए बंगाल से मजदूर मंगाकर काम कराना पड़ रहा है।

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