मतदाताओं की खामोशी और सबको हां कहने की आदत से परेशान हैं प्रत्याशी
जानिए चंदौली की सभी 4 सीटों का हाल
ऐसे चल रहा है चुनाव प्रचार
इन लोगों में ही है असली टक्कर
बाकी उम्मीदवार बना रहे हैं हवा-हवाई माहौल
चंदौली जिले में निकाय चुनाव में जीत के लिए कई उम्मीदवार रात-दिन एक किए हुए हैं। लेकिन मतदाताओं की खामोशी से चुनाव में जीत हार का मामला रहस्य बना हुआ है। इसके चलते उम्मीदवारों को हर तरह की कोशिशें करते हुए क्षेत्र में लगातार भ्रमण करके मतदाताओं को रिझाने की कोशिश करनी पड़ रही है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों की नींद उड़ती जा रही है।
इकलौती नगर पालिका का ऐसा है हाल
जिले के पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका पर भाजपा जीत हैट्रिक लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही है और यहां पर सांसद व विधायक के साथ साथ पार्टी के अन्य बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जा रहा है, ताकि सत्ता विरोधी थोड़ी बहुत नाराजगी को भविष्य के आश्वासनों से दूर किया जा सके और विरोध में जा रहे लोगों को मनाकर पार्टी की ये सीट बरकरार रखी जा सके। वहीं सपा पिछली दो हार से सबक लेकर एक बार फिर से अपने बिखरे जनाधार को समेटने की कोशिश कर रही है और उसके लिए पार्टी के नए पुराने नेता जोर लगा रहे हैं। यहां पर बसपा और कांग्रेस के साथ साथ निर्दल उम्मीदवार भी भाजपा विरोधी वोटों में सेंध लगाने की जुगाड़ लगा रहे हैं, क्योंकि इन दोनों दलों का इलाके में अब कितना जनाधार बचा है, ये बात पार्टी के नेता भी बखूबी जानते हैं।
चंदौली नगर पंचायत में भाजपा को खतरा
चंदौली नगर पंचायत में भाजपा ने एक बार फिर से एक मजबूत उम्मीदवार दिया है और ऐसी संभावना दिख रही है कि लोग सारे विरोध भूलकर भाजपा के पक्ष में एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन टिकट कटने के गम में कुछ लोग भीतरघात करने की भी गणित कर रहे हैं। इसीलिए देखा जा रहा है कि दिन में कई लोग भाजपा के साथ और रात में कहीं और भी बैठकी कर रहे हैं, ताकि वह भीतरघात कर सकें। वहीं सपा का कोई उम्मीदवार मैदान में न होने से पूर्व चेयरमैन सुदर्शन सिंह व स्व. लालता प्रसाद यादव के बेटे सुनील यादव गुड्डू भी लड़ाई में दिख रहे हैं। आप की एकमात्र महिला उम्मीदवार इस चुनाव को चतुष्कोणीय बनाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इनको अपने गढ़ के अलावा बाहर कितना वोट मिलेगा..इस पर कोई कुछ बोल नहीं रहा है।
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चकिया नगर पंचायत में कमल खिलाना बड़ी चुनौती
चकिया नगर पंचायत में अबकी बार भाजपा को कमल खिलाने की बड़ी चुनौती है, लेकिन पति की मौत के बाद सहानुभूति की लहर व सपा के टिकट से मीरा जायसवाल की दावेदारी मजबूत दिख रही है। वैसे 2006 मीरा जायसवाल राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव जीतकर पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं। साथ ही 2012 में सपा के समर्थिन से चुनाव जीत चुकीं रीता चौबे के पति रवि प्रकाश चौबे कांग्रेस के समर्थन के साथ साथ अपनी पत्नी के कार्यकाल के काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं। इसलिए भाजपा के गौरव श्रीवास्तव को भाजपा के लिए ये सीट जीतना एक बड़ी चुनौती हैं।
सैयदराजा नगर पंचायत में मुख्य मुकाबला भाजपा व सपा के बीच
सैयदराजा नगर पंचायत में मुख्य मुकाबला भाजपा व सपा के बीच है। चकिया के अलावा सैयदराजा में पुराने इतिहास को देखकर सपा के नेता जोर शोर से लगे हैं। वहीं अध्यक्षों के पति अपने अपने दलों के सभासद प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार में लेकर पूरी शक्ति लगा रहे हैं, क्योंकि अब आखिर चार से पांच दिनों की मेहनत ही रंग लाएगी। वहीं आप समेत अन्य दलों के लोग केवल हाजिरी लगाकर चुनाव को दिलचस्प बना रहे हैं।
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जिले में सभी 3 नगर पंचायतों व एक नगर पालिका के लिए चार मई को मतदान होना है। दो मई से चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। इस वजह से अध्यक्ष और सभासद प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अंतिम शक्ति लगा दी है। इससे चुनाव प्रचार शबाब पर आ गया है। सोशल मीडिया पर भी प्रचार तेजी से जारी है। चुनाव कार्यालयों में प्रत्याशियों ने सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए अलग से टीम तैनात कर रखी है। फेसबुक, वाट्सअप सहित अन्य सोशल साइटों पर तो चुनाव प्रचार खूब दिख रहा है कहीं जातियों को गोलबंदी किया जा रहा है तो कुछ मठाधीशों ने प्रत्याशियों के चुनाव की कमान खुद संभाल रखी है।
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अब देखना है कि आखिरी चरण की रेस में कौन अपने फेवर में माहौल बना पाता है और कौन दूसरे के मजबूत गढ़ में येनकेन प्रकारेण सेंध लगा पाता है।
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