कांग्रेस ने 3 सांसदों के झंड़ी दिखाने को कहा- राजनीतिक ड्रामाबाजी, दम हो 5 और ट्रेन रुकवाएं

धर्मेन्द्र तिवारी ने बताया पंडित कमलापति त्रिपाठी का किस्सा
कैसे कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष के कहने पर रुकी थी दून एक्सप्रेस
कांग्रेस के जमाने में आदेश होते ही रुकने लगती थी ट्रेन
चंदौली जिले में रेल मंत्रालय द्वारा चन्दौली मझवार रेलवे स्टेशन से दून एक्सप्रेस का ठहराव दोबारा प्रारंभ होने के अवसर पर इसका श्रेय लेने के लिए मची राजनीतिक होड़ से जिले की जनता अपने आपको को ठगी महसूस कर रही है। एक ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए राजनीतिक दलों के जिले में विद्यमान कुल तीन सांसद और विधायक की उपस्थिति ने अवसर को हास्यास्पद बना दिया।
कांग्रेस ने कहा कि कोरोना काल में रेलवे मंत्रालय ने कुछ ट्रेन निरस्त की, तो कुछ ट्रेनों के अस्थायी तौर पर स्टॉपेज समाप्त किये थे। लगता है कि चंदौली जनपद में कोरोना अब जाकर समाप्त हुआ है।

दून एक्सप्रेस के ठहराव पर हरी झंडी दिखाने के लिए आयोजित सरकारी समारोह में राजनीतिक दलों द्वारा इसका श्रेय लेने के होड़ पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र तिवारी ने कहा कि यह एक राजनीतिक ड्रामेबाजी के अलावा कुछ नहीं था। चंदौली मुख्यालय स्थित चंदौली मझवार स्टेशन पर दून एक्सप्रेस का ठहराव तत्कालिक कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष अब्दुल अलीम साहब के कहने मात्र से पंडित कमलापति त्रिपाठी जी ने करा दिया था। आज उसी ट्रेन का पुनः ठहराव होने पर तीन सांसद और विधायक श्रेय ले रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सियालदाह एक्सप्रेस का ठहराव तो पं.कमलापति त्रिपाठी जी ने 1976 में ही कराया था। एक ही दिन चन्दौली और सैयदराजा में लगातार दोनों स्टेशनों पर रुकने का आदेश हो गया था। बाद में 1980 में तो दून एक्सप्रेस को नरवन क्षेत्र के दर्जनों गांवों की मांग पर लगातार तीसरे स्टेशन कर्मनाशा पर रोकने का आदेश भी किया था। बाद की सरकारों में ये ठहराव खत्म कर दिये गये थे। इसके बाग मई 1980 में ब्लॉक बरहनी के नरवन के दौरे से लौटकर पंडित जी चन्दौली डॉक बंगले में आराम करने के बाद करीब चार बजे ड्राइंग रूम में आये। तब वहां के लोगों ने मिलने के लिये घेर लिया था। अपनी मांग रखी तो पंडित जी ने तत्काल आदेश जारी करवाया।
वह सबसे पहले पीछे खड़े सबसे ऊंचे कद के वांचू साहब (तत्कालीन डीआरएम मुगलसराय, जो बाद में रेल बोर्ड चेयरमैन भी बने थे)) से मुखातिब हुये। बोले कि वांचू जी आज नरवन क्षेत्र के लोग मांग कर रहे थे कि दून एक्सप्रेस कर्मनाशा स्टेशन पर भी रोकी जाय, उससे दर्जनों गांवों को सुविधा होगी। चन्दौली मझवार और सैयदराजा में ट्रेन पहले से रुक ही रही थी। उन्होंने पूछा कि दून एक्सप्रेस इधर से कब जाती है? तब वांचू साहब बोले कि छः बजे डाउन लाइन पर जायेगी। तब रेलमंत्री त्रिपाठी जी ने कहा कि आप ऐसा करिये कि आज से ही कर्मनाशा स्टेशन भी पर ट्रेन रोकना शुरू कर दीजिये, मैं दिल्ली जाऊंगा, तो आपके पास आदेश आ जायेंगे और दो घंटे बाद उसी दिन से दून एक्सप्रेस ट्रेन लगातार तीसरे कर्मनाशा पर भी ठहरने लगी थी।
जिले में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय स्थापित करके भारतीय रेलवे के मानचित्र पर चन्दौली को प्रमुख स्थान दिया था। कांग्रेस ने मुगलसराय रेलवे जंक्शन की बिल्डिंग बनवाया। वाराणसी कैण्ट रेलवे स्टेशन बनवाया। इसके बावजूद इतना झण्डा नहीं दिखाया होगा, जितना झण्डा जिले के माननीय सांसद गणों एवं नेताओं ने चन्दौली मझवार स्टेशन पर देहरादून एक्सप्रेस के मात्र दो मिनट के ठहराव का श्रेय लेने के लिए दिखाया।
कांग्रेस के विकासोन्मुखी कार्यक्रमों और परियोजनाओं को बन्द कर के उसे पुनः चालू करने और उनका नाम बदलकर अपनी योजना बताना मोदी सरकार की जुमलेबाजी से ज्यादा कुछ नही है। चन्दौली की जनता इनके इस कृत्य से अपने आपको ठगी महसूस कर रही है। जनपद के विकास के लिए इतना ही चिंता है तो जनपद में रेलवे के स्लीपर कारखाना लगाने की पुरानी माँग को सरकार द्वारा पूरा किया जाना चाहिए। जिसके लिए पंडित कमलापति त्रिपाठी जी ने नौबतपुर में जमीन भी अधिग्रहण कराया था।
जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र तिवारी ने कहा कि उन ट्रेनों के भी स्टॉपेज पुनः बहाल कराये, जिन्हें कोरोना काल मे समाप्त कर दिया गया था। साथ ही जिले के सांसदगण, एवं सत्ता पक्ष के नेताओं व प्रतिनिधियों के द्वारा जिला मुख्यालय चन्दौली मझवार स्टेशन पर एकात्मता एक्सप्रेस, रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस, महाबोधि एक्सप्रेस, सियालदह एक्सप्रेस सहित लखनऊ और दिल्ली, मुम्बई जाने वाली अन्य प्रमुख ट्रेनों का भी ठहराव कराना चाहिए।
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