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चहनिया ब्लॉक प्रमुख अरुण जायसवाल, जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह और बबलू तथा मोनू सिंह के खिलाफ कोर्ट ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश

न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट द्वारा फौजदारी प्रकरण वाद संख्या 78 / 2024 मुकेश खरवार बनाम अरुण कुमार आदि थाना बलुआ जनपद चंदौली के अंतर्गत संबंधित मामले में ब्लॉक प्रमुख अरुण जायसवाल बबलू सिंह एवं मोनू सिंह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर नियमानुसार कार्यवाही करने का आदेश जारी किया है ।
 

विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी कोर्ट का आदेश

चहनिया ब्लॉक प्रमुख पर कसेगा शिकंजा

जिला पंचायत सदस्य बबलू सिंह व मोनू सिंह पर भी होगी कार्रवाई

हाईकोर्ट के आदेश के बाद कोर्ट से जारी हुए हैं बलुआ पुलिस को निर्देश

आप भी पढ़ लीजिए कोर्ट का पूरा आदेश 

चंदौली जिले के न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट द्वारा फौजदारी प्रकरण वाद संख्या 78 / 2024 मुकेश खरवार बनाम अरुण कुमार आदि थाना बलुआ जनपद चंदौली के अंतर्गत संबंधित मामले में ब्लॉक प्रमुख अरुण जायसवाल बबलू सिंह एवं मोनू सिंह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर नियमानुसार कार्यवाही करने का आदेश जारी किया है । इसके साथ ही साथ पत्रावली दाखिल दफ्तर करने का भी निर्देश जारी किया है।

आपको बता दें कि चाहनिया ब्लॉक प्रमुख अरुण जायसवाल के मामले में एक नया मोड़ गया है, जिसमें नियम 156 (3 ) के अंतर्गत पपौरा क्षेत्र पंचायत 83 के निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य मुकेश खरवार द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 66 क्षेत्र पंचायत सदस्यगणों द्वारा ब्लॉक प्रमुख चहानिया अरुण जायसवाल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव जिलाधिकारी चंदौली के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिसकी रंजिश को लेकर ब्लॉक प्रमुख अरुण जायसवाल की सह पर दिनांक 14 मार्च 2024 को समय लगभग 8:15 पर जब पीड़ित सुबह गांव के राधा कृष्ण मंदिर में पूजा कर रहा था। तभी  वहां गोपाल सिंह उर्फ बबलू सिंह पुत्र स्वर्गीय महेंद्र सिंह व मोनू सिंह पुत्र स्वर्गीय बंडा सिंह के द्वारा उसके साथ मारपीट व गाली गलौंच की गयी थी।

पीड़ित ने कहा था कि उसके गांव के ही रहने वाले आरोपी गोपाल सिंह व मोनू सिंह आ गए तथा ब्लॉक प्रमुख के पक्ष में बनाए गए हफलनामा पर हस्ताक्षर करने के लिए  दबाव बनाने लगे। इस दौरान जब प्रार्थी मुकेश खरवार द्वारा हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया गया, तो वे लोग गाली गलौज करते हुए जाति सूचक शब्दों का उपयोग करते गालियां दीं। इसके साथ ही साथ सभी को मारने पीटने लगे और जबरदस्ती मोटरसाइकिल पर बैठ कर ले जाने का प्रयास करने लगे।

प्रार्थी द्वारा विरोध किए जाने पर उक्त दोनों लोगों ने लात घूंसे तथा थप्पड़ से मारने पीटने लगे शोर गुल सुनकर  प्रार्थी की पत्नी जीरानी देवी तथा गांव के बहुत से लोग आ गए और बीच बचाव किया। इसके संबंध में तत्काल बलुआ थाना को सूचना दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई ।

इसके बाद पुलिस अधीक्षक को भी रजिस्टर डाक से इस मामले की जानकारी दी गई, जिसके प्रार्थना पत्र के आधार पर न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी कोर्ट चंदौली द्वारा फौजदारी प्रकर्णी वाद संख्या 78/2024 / 08/5/.2024  न्यायालय ने प्रकरण को परिवाद के रूप में दर्ज किया गया। उक्त आदेश से शुद्ध होकर माननीय उच्च न्यायालय के एप्लीकेशन अ/धारा 482 नंबर 24716 / 2024 में दाखिल किया किया गया था, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के आदेश संख्या 8 (5/2024 को  रद्द कर दिया और दोनों पक्ष को सुनने का अवसर देते हुए फिर से नया आदेश जारी करने की बात कही गयी, जिसके आधार पर दिनांक 1 जनवरी 2025 को मुकेश कुमार बनाम अरुण कुमार जायसवाल, बबलू सिंह तथा मोनू सिंह आदि थाना बलुआ जनपद चंदौली की सुनवाई एवं साक्ष्य के आधार पर एससी/एसटी एक्ट के तहत 1 जनवरी 2025 को निर्देशित किया कि संबंधित मामले में मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही करने का निर्देश थाना प्रभारी बलुआ को दिया है।

अब देखना है कि इस मामले में ब्लॉक प्रमुख अरुण जायसवाल, जिला पंचायत सदस्य बबलू सिंह व मोनू सिंह के खिलाफ बलुआ पुलिस संबंधित मामले में मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही कब से शुरू करती है। वहीं इस आदेश के मिलने के बाद चहनिया ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ विपक्षियों का हौसले बुलंद होता दिखायी दे रहा हैं।

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