बच्चों के हक पर डाका डालने वालों पर कार्रवाई के लिए जांच शुरू, नपेंगे पैसे व राशन हड़पने वाले
चंदौली जिले में कोरोना काल में बंद परिषदीय स्कूलों के बच्चों को खाद्यान्न व खाद्य सुरक्षा भत्ता वितरण में धांधली करने वाले लोगों की जांच पड़ताल चल रही है। कहा जा रहा है कि कई जगहों पर इसमें हेराफेरी करके पैसों व खाद्यान्न की बंदरबांट की गयी है। इसके लिए फिलहाल सोशल आडिट कराई जा रही है।
जानकारी के अनुसार इसकी मंडलीय टीम अभिभावकों से बात कर फीडबैक ले रही है। वहीं रिकार्ड भी खंगाले जा रहे हैं। आडिट रिपोर्ट से जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा। ऐसे में बच्चों के साथ धांधली करने वालों पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है।
यह बनाया गया था नियम
कोरोना काल में विद्यालयों में पठन-पाठन ठप रहा, लेकिन खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एमडीएम का लाभ मिलता रहा। प्राथमिक स्कूल के बच्चों को 685 और पूर्व माध्यमिक स्कूलों के बच्चों को 923 रुपये के हिसाब से भुगतान किया गया है। इसके अलावा कोटेदारों के माध्यम से राशन दिलाया गया। शासन ने अब इसकी पड़ताल शुरू करा दी है। इसके जरिए परखने की कोशिश की जाएगी कि अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजने और खाद्यान्न वितरण में किसी तरह की अनियमितता तो नहीं बरती गई।
ऐसे में धांधली बरतने वालों पर शिकंजा कसने की संभावना बढ़ गयी है। मंडलीय टीम अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएगी। इसमें यदि किसी की लापरवाही साबित हुई तो उसके विरुद्ध कार्रवाई तय है।
चंदौली जिले के जिला समन्वयक नीरज सिंह का कहना है कि एमडीएम के मामले की सोशल ऑडिट मंडल की टीम कर रही है। वह खाद्यान्न व खाद्य सुरक्षा भत्ता वितरण की जांच कर रही है। कोरोना काल में स्कूलों में पठन-पाठन बंद होने पर अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा गया था। कोटेदारों से खाद्यान्न का वितरण कराया गया था। जांच में लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई होनी लगभग तय है।
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