डीएम साहब जरा इसे देखिए, आपके कानूनगो-लेखपाल देते हैं कब्जेधारियों का साथ
अब लोगों का तहसील दिवस थाना दिवस से उठ रहा है भरोसा
मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत में लगा दी जाती है फर्जी रिपोर्ट
दाउदपुर में चक रोड की जमीन पर लोग कर चुके हैं कब्जा
चंदौली जिले में एक गांव ऐसा है, जहां चकरोड की जमीन कब्जा करने वालों के सामने जिला प्रशासन भी बेबस नजर आ रहा है, क्योंकि कानूनगो-लेखपाल हर शिकायत पर कब्जा करने वालों लोगों से मिलकर फर्जी रिपोर्ट लगा देते हैं और फरियादी दौड़ते रहते हैं। एक ही शिकायत को कई जगहों देने के बाद भी केवल खानापूर्ति की जाती है। जिलाधिकारी को ऐसे मामलों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
बताया जा रहा है कि दाउदपुर गांव में चक रोड की जमीन पर कब्जे को बताने व हटाने के लिए इस गांव के लोगों द्वारा सरकार से गुहार लगाई जा रही है। फिर भी माफियाओं के आगे जिला प्रशासन कि नहीं चल नहीं पा रही है और अधिकारी कोई कार्यवाही करने में असहाय नजर आ रहे हैं।
बता दें कि चंदौली जिले के दाउदपुर गांव में चक रोड व सरकारी जमीन पर लगभग दो दर्जन लोगों द्वारा अवैध तरीके से कब्जा किया गया है, जिसके बारे में यह भी कहा जा रहा है कि जिला प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण सरकारी जमीन पर लोगों द्वारा कब्जा कर आवास बनाने का कार्य किया गया है। फिर भी लेखपाल कानूनगो व राजस्व विभाग की टीम की मिली भगत से भूमाफियाओं का आतंक इस गांव में बढ़ता ही जा रहा है।
लोगों ने कहा कि इस तरह की शिकायत जब मुख्यमंत्री पोर्टल व तहसील तथा थाने पर की गई तो भी शिकायत को कूड़ेदान में डाल दिया गया, जिसके कारण अब तक इसका भी निस्तारण नहीं हो पा रहा है । वहीं अधिकारी जब इस गांव के जमीन की अतिक्रमण की बात सुनते हैं तो उसे टालमटोल करने में जुड़ जाते हैं । वहीं पीड़ित द्वारा यह भी बताया गया कि इस संबंध में दर्जनों शिकायत की गई लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है ।
जब इस हकीकत को जानने के लिए चंदौली समाचार की टीम मौके पर पहुंची तो इस गांव के निवासी वशिष्ठ यादव द्वारा सारे खतौनी को दिखाते हुए शिकायत के पात्रों का पुलिंदा दिखाया गया, लेकिन अधिकारी द्वारा इस पर कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। जबकि यूपी सरकार द्वारा सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए लगातार निर्देश जारी किए जाते हैं, लेकिन ऐसे ही कब्जाधारियों के आगे सरकार के सारे नियम खत्म हो जाते हैं।
इस संबंध में वशिष्ठ यादव ने बताया कि मेरे द्वारा लगभग दर्जनों शिकायत की गई, लेकिन ना ही कोई अधिकारी इस शिकायत का संज्ञान लिया और ना ही मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसका निस्तारण हुआ। जब मैं तहसील दिवस में जाता हूं तो वहां के अधिकारी केवल झूठी दिलासा देकर कहते हैं कि कार्यवाही की जाएगी, लेकिन तहसील दिवस में इस मामले को लाने से कतराते रहते हैं। ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन द्वारा किसी बड़ी घटना के घटित होने के बाद ही यहां की समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा।
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