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योगी जी सुन लीजिए चंदौली के काला चावल वाले धान को पैदा करने वाले किसानों की फरियाद

चंदौली जिले में एक साल से काला चावल वाला धान बदहाली का शिकार हो रहा है और उसको जानवर व चिड़िया खा रही है।
 

चंदौली के काला चावल वाले किसानों की फरियाद

बदहाली का हो रहा है शिकार

चंदौली जिले में एक साल से काला चावल वाला धान बदहाली का शिकार हो रहा है और उसको जानवर व चिड़िया खा रही है। अफसरों व राजनेताओं को काला चावल उत्पादन समिति की बात सुनने की फुरसत नहीं हैं। अगर किसी ने सुन लिया तो उनके पास आश्वासन के अलावा कुछ नहीं है। विकास व काले चावल का हर जगह गुणगान करने वाले  कभी मंडी में सड़ रहे धान को देखने की जहमत नहीं उठा पा रहे हैं।

 काला चावल उत्पादन समिति के महासचिव वीरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार से काला चावल को खरीदने को लेकर गुहार लगाते हुए कहा कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ अपने आप को किसानों का दुख दर्द सुनने वाले कहते हैं तो उन्हें किसानों पर रहम करनी चाहिए। 

बताते चलें कि काला चावल के उत्पादन में चंदौली जनपद का नाम प्रचारित किया जाता है और एक साल से काला चावल वाले धान की बिक्री न होने के कारण किसान मायूस हो रहे हैं और अगले साले से काला चावल उत्पादन न करने की सोच रहे हैं। किसानों द्वारा आने वाली धान की फसल को लेकर भी ज्यादा चिंताएं बढ़ गई हैं।

Kala Chawal

 वहीं समिति के द्वारा आज प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा कि यदि काला चावल की बिक्री विदेश में नहीं हो रही है तो इस चावल की गुणवत्ता को देखते हुए इसे हफ्ते में एक दिन जिले के विद्यालयों के मिड डे मील में प्रयोग करने का फरमान जारी कर दीजिए। इससे किसानों का यह पौष्टिक काला चावल बच्चों को मिल जाएगा। वैसे भी यह मंडी समिति में पड़े-पड़े सड़ रहा है। 

कहा कि इस संबंध में जिला अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। पर किसी के पास कोई ठोस योजना नहीं है। अगर अपने मुख्यमंत्री जी की चंदौली के काला चावल पर कृपा हो जाए तो हम किसानों का भी उद्धार हो जाए।

 अब अब देखना है कि जिस काला चावल को लेकर तारीफ के पुल बांधे जाते हैं उस पर भाजपा सरकार की कृपा होती है या नहीं..या यह धान यहीं पर पड़े-पड़े सड़ तो नहीं जाता है।

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