अधिकारी बोले- इसलिए हर दिन लग रही है खेतों में आग
बिजली के लटकते तार बने किसानों के दुश्मन
पछुआ हवा से तेजी से फैल रही आग
खेतों में हो रही अग्निवर्षा का कारण बता बहाने खोज रहे अफसर
चंदौली जिले में मार्च 2024 तक बिजली के जर्जर और ढीले तार बदले जाने थे लेकिन कार्यदायी संस्था दस फीसद हाईटेंशन ही बदल पाई है। खेतों में लटक रहे हाईटेंशन तार आज कल चल रही पछुआ हवा के चलते चिंगारी उगल रहे हैं और शॉर्टसर्किट से रोजाना फसल जल रही है। किसानों को साल भर के श्रम और संसाधन बरबाद होते हुए देखना पड़ रहा है और बिजली विभाग इस ओर से उदासीन बना हुआ है।
आपको बता दें कि बिजली के लटकते हाईटेंशन तार हर वर्ष किसानों के अरमानों को राख कर देते हैं। पिछले वर्षों के बाद इस वर्ष भी बिजली के जर्जर और ढीले तारों में शार्ट सर्किट होने से किसानों की फसल जल कर राख हो रही है। विद्युत निगम की ओर से कई क्षेत्रों में तारों को बदलने का कार्य किया गया मगर अभी भी जर्जर तारें किसानों के लिए समस्या बनी हुई है।
बताते चलें कि गर्मी के दस्तक के साथ ही किसानों की धड़कने तेज हो जाती है। उन किसानों को सबसे अधिक चिंता रहती है जिनके खेत के ऊपर से बिजली लाइनें निकली हैं। खेतों के ऊपर से निकली जर्जर लाइनों के कारण किसानों की मेहनत जलकर राख हो जाती है। गेहूं की खेती करने वाले किसानों को इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ता है। इस बार भी यह तारें किसानों की मुसीबतें बढ़ा रही हैं। कई स्थानों पर तारों में हुए शार्ट सर्किट से गेहूं की फसल में आग लग चुकी है और यह सिलसिला जारी है।
विद्युत निगम की ओर से जर्जर तारों को बदलवाने का कार्य किया गया है पर करीब सौ करोड़ रुपये की लागत से कार्य कर रही कार्यदायी संस्था मोंटी एंड कालों ने केवल एलटी तारों को ही बदला है जबकि खेतों में लटक रहे हाईटेंशन तारों की स्पार्किंग से फसल जलकर नष्ट हो रही है।
इस संबंध में चंदौली जिले के अधीक्षण अभियंता ओमप्रकाश ने बताया कि जिले में कई किलोमीटर एलटी जर्जर तारों को बदला जा चुका है। कुछ हाईटेंशन तारों की बदला जाना बाकी है। तारों को बदलने के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया गया है।
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