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जाति की भेंट चढ़ रहे हैं स्वतंत्रता सेनानी, गंवई राजनीति के चक्कर में हो रहा अपमान

शहाबगंज में अब स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने में भी पश्चपात किया जा रहा है, जिन सेनानियों के संघर्ष व बलिदान के कारण देश आजाद हुआ और सभी नागरिकों को मान सम्मान के साथ खुली हवा में सांस लेना मुमकिन हुआ है।
 

सभी सेनानियों को सम्मान देने का किया था वादा

बीडीओ साहब का आश्वासन भी निकला झूठा

प्रवेश द्वार पर केवल एक स्वतंत्रता सेनानी का नाम

अन्य सेनानियों का नाम नहीं लिखे जाने से ग्रामीणों में रोष

 

चंदौली जिले के शहाबगंज में अब स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने में भी पश्चपात किया जा रहा है, जिन सेनानियों के संघर्ष व बलिदान के कारण देश आजाद हुआ और सभी नागरिकों को मान सम्मान के साथ खुली हवा में सांस लेना मुमकिन हुआ है। वैसे ही सेनानियों के साथ अब भेदभाव किया जा रहा है। अब अपनी पसंद के सेनानियों को सम्मान बाकी को विस्मृत किया जा रहा है। इस कृत्य को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। 

बताया जा रहा है कि इसी तरह का मामला ग्राम पंचायत सेमरा गांव में देखने को मिला है। यहां  मोदी सरकार द्वारा आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में शहीदों, सेनानियों का नाम अंकित कर शिलापट्ट लगाकर सम्मान देने का कार्य प्रारम्भ हुआ। लेकिन इस गांव में शिलापट्ट पर मात्र एक स्वतंत्रता सेनानी गौरीशंकर का नाम अंकित किया गया। जबकि चार स्वतंत्रता सेनानी रामधनी सिंह, रामनाथ सिंह, विश्वनाथ सिंह व गौरीशंकर त्रिपाठी हैं। इसी तरह जिला पंचायत द्वारा पन्द्रहवें वित्त द्वारा गांव के बाहर प्रवेश द्वार बनाया गया है। वहां भी गौरी शंकर त्रिपाठी स्वतंत्रता सेनानी संग्राम सेनानी प्रवेश द्वार का नाम अंकित है जबकि अन्य तीन स्वतंत्रता सेनानियों का नाम गायब है। 

बताया जा रहा है कि प्रवेश द्वार के निर्माण के समय 14 फरवरी 2024 को ही ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराया था। वहां से भी समस्या का निदान नहीं हुआ। वहीं बीडीओ दिनेश सिंह को भी पत्रक देकर शिकायत दर्ज कराई गयी थी और सभी स्वतंत्रता सेनानियों को उचित सम्मान देने की बात कही गयी थी। उस समय बीडीओ ने आश्वासन दिया था कि प्रवेश द्वार पर सभी सेनानियों का नाम अंकित कराकर बराबर सम्मान दिया जायेगा। लेकिन प्रवेश द्वार पर नाम अंकित कराने का बीडीओ का आश्वासन भी झूठा साबित हुआ। 

Old freedom fighters insulted

फिलहाल मात्र एक ही सेनानी का नाम अंकित किया गया। ग्रामीण राजेश्वर सिंह, रामनिहोर सिंह, अशोक कुमार सिंह, राजनारायण सिंह, नीरज, कृष्णदेव ने कहां एक तरफ सरकार सभी सेनानियों को सम्मान देने की बात कर रही है। लेकिन कुछ लोग गांव की राजनीति के चक्कर में सेनानियों के सम्मान में भी भेदभाव कर रहे हैं। जो सेनानियों के बलिदान के साथ अन्याय है। इस तरह का कृत्य अशोभनीय व अपमानजनक है।

खण्ड विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया था। लेकिन कार्यदायी संस्था जिला पंचायत होने की वजह से उन्होंने अपने हिसाब से नामकरण किया है। मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी, ताकि सभी को सम्मान मिले।

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