भाजपा सरकार में भी हो रही है पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अनदेखी, देखरेख के अभाव में खराब हो रहा उद्यान
अनदेखी और उपेक्षा के चलते घट रहे सैलानी
257 करोड़ की लागत से बनाया गया है उद्यान
पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान हो रहा बदहाली का शिकार
सांसद-विधायकों का भी कम होता है आना-जाना
चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में योजना के तहत स्थानीय चौराहे पर 257 करोड़ की लागत से बनाए गए पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है।
आपको बता दें कि वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए कार्य को चिन्मय कंस्ट्रक्शन ने पहले फेज को 2019 में तैयार किया और वोडीए को सौंप दिया। इसमें उद्यान में 63 फीट ऊंची प्रतिमा, फाउंटेन, एम्फीथियेटर, इंटरप्रिटेशन वाल, ओपन जिम स्थापित हो चुका है और अन्य आधुनिक सुविधाएं वैदिक पार्क, संग्रहालय, पार्किंग स्थापित की जानी थी, लेकिन वर्तमान में यह उद्यान उपेक्षा का शिकार है और अपने उद्देश्य से कोसों दूर नजर आ रहा है। पहले फेज में जो निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था द्वारा कराए गए थे, वर्तमान में उन्हीं कार्यों की देखरेख नहीं हो पा रही है। अत्यधिक लाइटों से सजी उद्यान की लाइट खराब होने के कारण रखरखाव के अभाव में शाम होते ही बंद हो जाती हैं।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान वाराणसी शहर और चंदौली में दोनों की सीमा क्षेत्र में चंदौली जिले में स्थित है, जो आकर्षण और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बन सकता था। सरकारी उपेक्षा और लापरवाहो के कारण बदहाली का शिकार है। यदि समय रहते इसकी देखभाल और विकास पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह परियोजना अपने उद्देश्य से पूरी तरह भटक जाएगी। बेसहारा छुट्टा पशुओं का आश्रय स्थल बना उद्यान पड़ाव रामनगर मागें के निर्माण के दौरान उद्यान की चहारदीवारी तोड़ दी गई। इसके बाद से इसे देबारा नहीं बनाया गया। इसका नतीजा यह है कि बेसहारा छुट्टा पशु आए दिन यहां आकर अपना डेरा जमाए रहते हैं। पशुओं की उपस्थिति से न केवल उद्यान की सुंदरता प्रभावित हो रही है, बल्कि गह आगंतुकों के लिए असुविधा का कारण भी बनता है।
वही ओपन जिम और बच्चों के झूले वेकार वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा उद्यान में ओपन जिम और बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले और अन्य उपकरण लगाए गए थे। दिन में लोग इनका लाभ उठाते हैं, लेकिन शाम होते ही उद्यान में अंधेरा पसर जाता है।
द्वितीय चरण का कार्य आज भी अधूरा
उद्यान का निर्माण दो चरणों में किया जाना था। पहले चरण का कार्य 2019 में जल्दबाजी में पूरा कर 16 फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया था, लेकिन द्वितीय चरण का कार्य अब तक अधूरा पड़ा है। 2023 में उद्यान में आयोजित एक कार्यक्रम में तत्कालीन सांसद व केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने इसके लिए धन स्वीकृत होने की बात भी कहीं थी। जिसके बाद विकास प्राधिकरण द्वारा 126 करोड़ रुपए के परियोजना का डीपीआर संस्कृति मंत्रालय को भेज दिया गया, परंतु अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
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