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नौगढ़ इलाके में भड़क रही है आक्रोश की चिंगारी, अधिकारियों को घंटे भर बनाये रखा बंधक

नौगढ़ इलाके में 16 लाख रुपए से अधिक का दूध खरीदने के बाद अंबेडकर दुग्ध उत्पादन सहकारी समित लिमिटेड ने किसानों के पैसे का भुगतान नहीं किया।
 

 भड़क रही है आक्रोश की चिंगारी

अधिकारियों को घंटे भर बनाये रखा बंधक

चंदौली जिले के नौगढ़ इलाके में 16 लाख रुपए से अधिक का दूध खरीदने के बाद अंबेडकर दुग्ध उत्पादन सहकारी समित लिमिटेड ने किसानों के पैसे का भुगतान नहीं किया। दूध बेंचने वाले अफसरों का चक्कर काट कर थक चुके तो दुग्ध उत्पादकों व किसानों के आक्रोश की चिंगारी गुरुवार को शोला बन गई। अफसरों के आने की सूचना पर दर्जनों की संख्या में एकजुट होकर आक्रोशित किसानों ने अंबेडकर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड सोनवार पर धावा बोल दिया। बकाया पैसे के भुगतान को लेकर उन लोगों ने जमकर हंगामा किया और घंटे भर तक नेशनल डेयरी डेवलपमेंट के अफसरों को बंधक बनाए रखा। 

कहा जा रहा है कि वहां कर्मचारी इतने नाराज थे कि अधिकारियों को मौके पर बुलाने व भुगतान कराने की मांग करने लगे। अध्यक्ष सचिव के समझाने पर भी बात मानने को तैयार नहीं थे। कुछ देर बाद दुग्ध संघ रामनगर से आए सुधाकर राय के द्वारा एक हफ्ते में भुगतान कराए जाने के आश्वासन मिलने पर मामला शांत हुआ। अबकी तय तारीख तक भुगतान न होने पर दुग्ध उत्पादकों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है।

Milk Cooperative Society

 चकरघट्टा थाना क्षेत्र में पराग दुग्ध संघ रामनगर से संबद्ध अंबेडकर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति  ने किसानों से दूध खरीदा था। मगर किसानों से लिए गए दूध का भुगतान आज तक नहीं हुआ। पैसे के लिए सभी किसान संघ के अधिकारियों का चक्कर अब भी काट रहे हैं। पैसे का भुगतान न करने और लगातार उन्हें टरकाए जाने से आक्रोश बढ़ता गया। हद पार हुई तो, आक्रोश की चिंगारी भड़क गई। दुग्ध उत्पादन  सहकारी समिति पर पहुंचे बहेरी के ओम प्रकाश यादव का 25 हजार, देवरा गांव के अनिल यदुवंशी का 15 हजार, मझगावा के बेचन मौर्य का 11 हजार, बहेरी गांव के भगवान दास का 20 हजार, मरवटिया के विनोद यादव का 10 हजार रुपए बकाया है। 

सोनवार के लाल साहब यादव ने अधिकारियों को बताया कि उनका भी 20 हजार रुपया अब तक अंबेडकर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति ने नहीं दिया। किसानों ने बताया कि उनकी तरह और भी लोग भुगतान के चक्कर काट रहे हैं। अंबेडकर सहकारी समिति के अध्यक्ष लाल साहब यादव ने अधिकारियों पर पैसा खा जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2019  से चिलिंग बिल बकाया है तथा ट्रांसपोर्ट, गाड़ी लोडिंग व ड्राइवर का वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। 

इसके बाद लोगों ने कहा कि यह आखिरी चेतावनी है। किसानों के पैसे का भुगतान न होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति की होगी। अगर दूध लिया है तो पैसे देने होंगे। 

Milk Cooperative Society

आपको बता दें कि नौगढ़ के नक्सल की समस्या को दूर करने के लिए और युवाओं को रोजगार दिए जाने के उद्देश्य 2011 मे श्वेत क्रांति कार्यक्रम के तहत अंबेडकर दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति लिमिटेड की स्थापना हुई थी। दो से तीन हजार लीटर दूध की क्षमता का प्लांट है। जब स्थापना हुई तो क्षेत्र भर के दो दर्जन से अधिक समितियां यहां से जुड़ीं। पराग दूध संघ को रामनगर को नियमित दूध मुहैया कराने के बाद भी 2019 से  भुगतान न किए जाने से संचालक का लाखों रुपये फंसा है। इसका खामियाजा दुग्ध उत्पादकों को भुगतना पड़ रहा है।  

कहा जा रहा है कि पैसा इस माह का नहीं, बल्कि सितंबर माह से रुका हुआ है। पैसे को लेकर वह कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। सचिव राम नरेश उर्फ बच्चा यादव का कहना है कि चिलिंग बिल का भुगतान 2019 से बकाया है। ट्रांसपोर्ट गाड़ी लोडिंग और ड्राइवर व अन्य मदों के लाखों रुपए के कई  भुगतान लंबित है। अफसर जीएम कार्यालय से भुगतान न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। 

लोगों का कहना है कि पहले करीब चार से पांच हजार लीटर दूध कलेक्ट होता था। शुरू में तो सब कुछ बेहतर चल रहा था। हालांकि धीरे- धीरे गांव में दूध मुहैया कराने दुग्ध उत्पादकों को पैसा दिए जाने में लापरवाही बरती जाने लगी। प्रतिदिन दो से तीन हजार लीटर दूध संस्था को मिलता है, जबकि पैसे का भुगतान एक तिहाई ही होता था। उसमें भी काफी समय लगता था। ऐसे में धीरे-धीरे दुग्ध उत्पादकों के यहां से  दूध आना बंद हो गया। अब केवल एक हजार लीटर दूध ही सिर्फ आ रहा है। दूध के एवज में मिलने वाला पैसा सितंबर  माह के बाद से पूरा नहीं मिला। ऐसे में दुग्ध उत्पादकों  का करीब 16 लाख रुपये विभाग में फंसा है।

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