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SDM विराग पांडेय की लगातार कार्रवाई जारी, एक और जमीन पर खोज लिया कब्जा ​​​​​​​

पीडीडीयू नगर तहसील अन्तर्गत कनेरा गांव के एक व्यक्ति ने एसडीएम न्यायालय में सरकारी जमीन को निजी जमीन बताया था। जब उप जिलाधिकारी विराग पांडेय ने जांच कराई तो सरकारी जमीन भीठा के नाम से दर्ज निकली।
 

तहसील क्षेत्र में खोजी जा रही हैं सरकारी जमीनें

तहसीलदार के जांच में निकला भीटा

जानिए कनेरा गांव का क्या है पूरा मामला

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर तहसील अन्तर्गत कनेरा गांव के एक व्यक्ति ने एसडीएम न्यायालय में सरकारी जमीन को निजी जमीन बताया था। जब उप जिलाधिकारी विराग पांडेय ने जांच कराई तो सरकारी जमीन भीठा के नाम से दर्ज निकली। इसके बाद राजस्व संहिता के नियमों के तहत उक्त जमीन को निरस्त कर दिया गया। वहीं अवैध रूप से नामांतरण कराने वालों में एसडीएम के कार्रवाई से खलबली मची है।

आपको बता दें कि सरकारी जमीनों पर नियम विरुद्ध कब्जा करने वालों के खिलाफ तहसील प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है। एसडीएम विराग पांडेय ने तहसील क्षेत्र के कनेरा गांव की करीब साढ़े तीन हेक्टेयर जमीन को ग्राम सभा के नाम किए जाने का आदेश किया है। इससे अवैध रूप से नामांतरण कराने वालों में खलबली मची है। 

जानकारी में बताया जा रहा है कि कनेरा गांव निवासी छविनाथ में बीते दिनों भूमि प्रबंध समिति को प्रतिवादी बनाते हुए एसडीएम न्यायालय में वाद दाखिल किया था। जब मामले की जांच पड़ताल की गई तो उसमें जिस जमीन को वादी ने निजी जमीन बताया था, उक्त जमीन तहसीलदार की जांच में ग्राम सभा के नाम पर पाई गई। इस पर एसडीएम ने राजस्व परिषद व राजस्व संहिता के नियमों के तहत जारी शासनादेश के अंतर्गत निरस्त कर दिया।

pddu nagar sdm action

इस संबंध में पीडीडीयू नगर एसडीएम विराग पांडेय ने बताया कि कनेरा गांव के वादी ने सरकारी जमीन को निजी जमीन बताया था, जब जांच की गई तो जमीन भीठा के नाम से दर्ज था। आराजी नंबर 195 का रकबा 1.562 व आराजी नंबर 195 क रकबा 0.360 हे0 को श्रेणी 4 पर  नाम निरस्त कर फिर से भीटा के खाते में दर्ज किया गया।

आपको याद होगा कि उनके द्वारा इसके पहले भी तालाब व सरकारी जमीनों के कब्जे को खोजा गया था और बेदखली की कार्रवाई की गयी है।

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