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सोशल आडिट में खुल रही है पीएम आवासों की पोल, नहीं हो रहा निर्माण

 

चंदौली जिले मे मनरेगा सोशल आडिट में प्रधानमंत्री आवास की पोल खुल रही है। लाभार्थियों के आवास आधे अधूरे बने हैं। किसी की छत नहीं है तो किसी की दीवार नहीं खड़ी हुई है । 


आप को बता दें कि लगभग 50 फीसद से अधिक आवासों का यही हाल है। लाभार्थियों के खाते में पैसा पहुंच चुका है। इसके बावजूद आवास निर्माण को पूरा कराने में तत्परता नहीं दिखाया जा रहा है। प्रशासन के लिए अधूरे आवासों को पूरा कराना अब बड़ी चुनौती बन गई है।


ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की पड़ताल करने के लिए सोशल आडिट कराई जा रही है। सोशल आडिट टीम गांव-गांव जाकर मनरेगा से कराए गए कार्यों व प्रधानमंत्री आवासों की प्रगति की जांच कर रही है। इसमें प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण की स्थिति काफी खराब है। 


छह माह पूर्व पैसा खाते में पहुंचने के बावजूद पीएम आवास पूरे नहीं हुए हैं। कहीं भवनों का अभी तक प्लास्टर नहीं हुआ और खिड़की-दरवाजे तक नहीं लग सके हैं तो कहीं शौचालय भी नहीं बना है। आवास निर्माण की रफ्तार काफी सुस्त है। इससे शासन की मंशा पर ग्रहण लग जा रहा।

 Reality of PM Awas Yojana


प्रधानमंत्री आवास में एक कमरा, रसोई व बरामदा का निर्माण कराना है। जिस हिसाब से आवास की किस्त लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है, उस लिहाज से दो माह में आवास बनकर रंगरोगन के साथ तैयार हो जाना चाहिए लेकिन छह-छह माह तक आवास का निर्माण लंबित होना न सिर्फ लाभार्थियों की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा, बल्कि विभागीय कार्यप्रणाली को भी उजागर कर रहा है। 


प्रधानमंत्री आवास की यदि सही ढंग से मानीटरिग की जाए तो निर्धारित अवधि के अंदर बनकर तैयार हो जाएंगे। हालांकि नोडल अधिकारी ईमानदारी के साथ दायित्व नहीं निभा रहे हैं। इसकी वजह से ऐसी स्थिति है। दरअसल, अधिकारी गांवों में भ्रमण नहीं करते। सचिवों के जरिये भी रिपोर्टिंग नहीं कराई जाती है। इससे आवास अधूरे हैं। 

 Reality of PM Awas Yojana


प्रधानमंत्री आवासों के साथ शौचालय निर्माण कराया जाना है। हालांकि अभी जब आवास ही नहीं पूरे हुए, तो शौचालय कैसे बनेंगे। ऐसे में गांवों में स्वच्छता मिशन भी परवान नहीं चढ़ पा रहा। 


इस संबंध में सीडीओ अजितेंद्र नारायण ने बताया कि तेजी से आवासों को पूर्ण कराया जा रहा है। समय-समय पर इसकी प्रगति की समीक्षा की जाती है। जहां पूरा पैसा गया और निर्माण अधूरा है वहां 15 दिन में कार्य पूर्ण कराने का निर्देश पीडी और बीडीओ को दिया गया है।

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