धन्य हो नीति निर्मातागण : समय खाद न देने वाली समितियां बेचेंगी जीव रक्षक दवाएं भी

सहकारी समितियों पर मिलेंगी सस्ती जीवन रक्षक दवाएं
जिले के चार समितियों को चिन्हित
नीति बहाने वालों को लगता है नहीं है जमीनी हकीकत का ज्ञान
चंदौली जिले में ग्रामीणों को सस्ती दर पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए साधन सहकारी समितियों पर अब जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए सहकारिता विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसकी शुरूआत जिले के चार समितियों को चिन्हित किया गया है। इसमें शहाबगंज, कांटा, घौसवां, चकिया क्रय विक्रय केंद्र शामिल है। अभी पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। पंजीकरण के बाद जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे जिससे ग्रामीणों को समिति पर सस्ती दवाओं की सुविधा भी मिलने लगेगी।

शासन की ओर से समितियों की आर्थिक दशा सुधारने व समितियों पर लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। सहकारिता से समृद्धि की थीम पर हो रहे काम के तहत अब सरकारी समितियों को बहुउद्देशीय समिति वी पैक्स नाम दिया गया है। समितियां अभी तक कृषि संबंधी कार्य कर रही थीं। अब इन समितियों पर खाद बीज की बिक्री तक ही सीमित नहीं रहेंगी बल्कि समितियों पर अब जीवन रक्षक दवाएं भी मिलेंगी। नई व्यवस्था के तहत समितियों में जन औषधि केंद्र खोले जाने के निर्णय से लोगों को सस्ती दवा नजदीक में मिल सकेगी। वहीं, दूसरी ओर दवाओं की बिक्री करने से जो लाभांश मिलेगा, उसे सहकारी समिति के खाते में जमा किया जाएगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। समितियों पर कामन सेंटर, सोलर पंप, पेट्रोल व रसोई गैस की बिक्री समेत अन्य जरूरी सुविधाएं भी मिलने की बाद कही जा रही है।
लोगों का कहना है कि समय पर खाद, बीज व कीटनाशक न देने वाली सरकारी समितियों पर नया नाटक शुरू किया जा रहा है। ऐसा लगता है नीति व नियम को बनाने वाले लोग दूर दराज के गांवों में जाकर समितियों की हकीकत कभी नहीं देख पाए हैं।
इस सम्बंध में एआर कोआपरेटिव श्रीप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि जिले के चार सहकारी समितियों को चिन्हित कर इनके पंजीकरण का कार्य किया जा रहा है। जल्दी साधन सहकारी समिति पर पर जन औषधि केंद्र के माध्यम से सस्ती दबे लोगों को मुहैया कराई जाएगी।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*