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अब लीजिए हो गयी इन 4 लोगों पर बड़ी कार्रवाई, क्या कहती है इंस्पेक्टर सैयदराजा की रिपोर्ट

पुलिस के थानाध्यक्ष की उक्त रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों का आचरण सर्वथा अनुचित एवं विभाग की छवि को धूमिल करने वाला बताया जा रहा है.....
 

पुलिस को करनी पड़ी बड़ी कार्रवाई

4 पुलिसवाले हो गए निलंबित

चंदौली जिले के प्रभारी निरीक्षक सैयदराजा उदय प्रताप सिंह के द्वारा पुलिस अधीक्षक चन्दौली को प्रेषित रिपोर्ट के आधार पर 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
 
    

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 28 सितंबर 2021 की शाम को विशाल मधेशिया नामक व्यक्ति अपने वार्ड में दो व्यक्तियों के मध्य हुए जमीनी विवाद के प्रकरण में थाने पर आए थे और आपस में इन लोगों के बीच तेज आवाज में बातें की जा रही थीं। उसी दौरान संतरी ड्यूटी पर तैनात आरक्षी कृष्ण कुमार सिंह द्वारा किसी बात को लेकर इनसे कहासुनी/मारपीट हो गई। 

बताया गया कि इस मारपीट के दौरान थाने पर मौजूद उपनिरीक्षक जय प्रकाश यादव, आरक्षी शैलेन्द्र यादव व आरक्षी सत्यलोक चौहान द्वारा भी उसमें शामिल हो गए और मारपीट करने लगे। 

पुलिस के थानाध्यक्ष की उक्त रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों का आचरण सर्वथा अनुचित एवं विभाग की छवि को धूमिल करने वाला बताया जा रहा है और कहा गया कि सबके द्वारा अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतते हुए आवश्यक विधिक कार्यवाही करने की बजाय अमर्यादित व्यवहार किया गया है। 
      

इसी आधार पर उपरोक्त चारों पुलिसकर्मियों को पुलिस अधीक्षक चन्दौली द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। प्रकरण से सम्बन्धित जांच एवं अन्य विवेचनात्मक कार्यवाही आसन्न है, जिसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इसके पहले चंदौली जिले के भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने कार्यकर्ता की मदद करने के लिए सैयदराजा थाने में एकजुट तो हो गए लेकिन रात भर जो नाटक और नौटंकी चली उससे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का लाभ होने के बजाय अब नुकसान होने लगा था।

भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष, नगर अध्यक्ष, नगर पंचायत चेयरमैन, कई ब्लाक प्रमुख और स्थानीय विधायक सहित तमाम नेताओं ने जिला पुलिस प्रशासन पर जोर लगाकर तीन सिपाहियों और एक उप निरीक्षक के खिलाफ न सिर्फ सैयदराजा थाने में मुकदमा दर्ज कराया बल्कि उप निरीक्षक को लाइन हाजिर भी करा दिया था। इसके बाद वह अपनी जीत मानकर यह सोच बैठे कि अब इनके कार्यकर्ता को न्याय मिल गया और उनका काम खत्म हो गया, लेकिन अभी तो पुलिस की बारी बाकी ही थी।

पुलिस ने भी मामले दर्ज करके भाजपा नेताओं पर शिकंजा कसना शुरू किया तो पुलिस अधीक्षक ने जांच की रिपोर्ट मंगाकर चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

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