आंगनबाड़ी केंद्र में लटक रहे ताले, सिर्फ रजिस्टर में दर्ज कर लिए हैं बच्चों के नाम

 आंगनवाड़ी व सहायिका के न आने से विधालयों के अध्यापकों को छोटे बच्चों को देख रेख करने में काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ता हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यह केंद्र काफी दिनों से ऐसे ही बंद रहता है।
 

शहाबगंज में नहीं होती आंगनवाड़ी केन्द्रों की जांच

मुख्य सेविकाएं व सीडीपीओ ऑफिस में तोड़ते हैं कुर्सी

देख लीजिए केन्द्रों का हाल

चंदौली जिले के शहाबगंज विकास क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खस्ता है। अधिकांश केंद्रों पर ताले लटक रहते हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण केंद्र केवल कागजों पर ही संचालित किए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चें तो नामांकित हैं, मगर उनकी उपस्थिति न के बराबर रहती है। शहर और गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों के हालात एक जैसे हैं। ना कोई हकीकत देखने वाला है और ना ही इन पर कोई कार्रवाई करने वाला है।

ताजा मामला शहाबगंज के बेन आंगनवाड़ी केंद्र का देखने को मिला, जहां बुधवार को दोपहर में 12 बजे तक ताला लटकता मिला। वहीं प्राथमिक विद्यालय बेन कैम्पस में स्थित  द्वितीय आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चें तो उपस्थित थे पर उनको देखने व पढ़ाने के लिए न ही आंगनवाडी थी न ही सहायिका। जब कि केंद्र पर 110 बच्चे नामांकित हैं।

 आंगनवाड़ी व सहायिका के न आने से विधालयों के अध्यापकों को छोटे बच्चों को देख रेख करने में काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ता हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यह केंद्र काफी दिनों से ऐसे ही बंद रहता है। शायद ही कभी कभार ताला खुलता है। वहीं  सितम्बर माह के बाद से बच्चों में पोषक आहार भी नहीं मिल पा रहा है। जिससे कहीं कहीं बच्चों में केंद्र पर जाने की रुचि नहीं हो रही है।

 आंगनवाड़ी केंद्रों पर निरीक्षण करने के लिए ब्लॉकों में सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं की तैनाती की गई है। मगर वह स्वयं घरों से काम करती हैं। इसलिये केंद्र देखने नहीं जाती हैं।