आईएएस PP मीणा का चकिया से हैं गहरा लगाव, स्थानांतरण के बाद भी बनाए रखा है संपर्क, लोग फूल मालाओं से कर रहे हैं स्वागत 
 

फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। मीणा साहब भी लोगों से मिलने में किसी तरह की कोताही नहीं बरते यहां तक कि कई लोगों के साथ सेल्फी ली फोटोग्राफ कराई।
 

रविवार को अचानक पहुंचे कर्मचारी के घर

लोगों ने जमकर किया स्वागत

साथ में ली सेल्फी

चंदौली जिला के चकिया में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट तथा चकिया नगर प्रशासक रहे आईएएस प्रेम प्रकाश मीणा का प्रमोशन होने के बाद उनका स्थानांतरण कानपुर नगर में अपर कार्यपालक अधिकारी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकासं प्राधिकरण (यूपीडा) में होने के बाद भी चकिया से उनका लगाव कम नहीं हुआ। स्थानांतरण के बाद से छुट्टी के दिनों में उनका हर सप्ताह चकिया में आना जाना लगा हुआ।

 बता दें कि चकिया आने की खबर मिलते ही उनके चाहने वाले लोगों का उनसे मिलने के लिए लाइन जा रही है। रविवार को चकिया आने के बाद वह नगर पंचायत में लिपिक के पद पर कार्यरत राकेश रोशन के आवास पर सैदूपुर उनसे मुलाकात करने अचानक पहुंच गए। जहां राकेश रोशन सहित उनकी परिजनों से मिले इस दौरान वह मात्र 5 मिनट तक ही रुके मगर उनके आने की भनक मिलते ही उनके चाहने वालों ने वहां भी पहुंच गए।

 इस दौरान उनका फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। मीणा साहब भी लोगों से मिलने में किसी तरह की कोताही नहीं बरते यहां तक कि कई लोगों के साथ सेल्फी ली फोटोग्राफ कराई। लोग मीणा साहब से मिलकर जितना खुश थे उतना वह भी लोगों से मिलकर खुश दिखे।

 चकिया में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट तथा चकिया नगर के प्रशासक रहते हुए उन्होंने कई ऐतिहासिक कार्य किए, चकिया नगर में सुसज्जित पार्क की व्यवस्था, लाइब्रेरी, वृद्धाश्रम, दुकानों का आवंटन सहित कई भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया तथा उनके द्वारा चलाए गए न्याय आपके द्वार की मुहिम के तहत वर्षों से लंबित सैकड़ों मामलों का मौके पर जाकर त्वरित निस्तारण कराया, जिससे वह जनता के बीच लोकप्रिय हो गए और लोग उनके मुरीद बन गए।

 यही कारण है कि मीणा साहब के चकिया में आने की खबर मिलते ही चाहने वालों की उनसे मिलने की लाइन तक जा रही है वहीं मीणा साहब लोगों से मिलने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ते, इतना ही नहीं स्थानांतरण हुए लगभग 1 महीने हो रहे हैं इतने दिनों में उनका चकिया में तीन चार बार आना हुआ।

 आईएएस पीपी मीणा कहते हैं कि चकिया के लोगों ने उन्हें जो स्नेह दिया है उसे वह कभी नहीं भूलेंगे और उनका चकिया में आना-जाना लगातार जारी रहेगा।