चकिया के मुजफ्फरपुर बीयर के नीचे मिला मृत मगरमच्छ, मुंह और सिर में थे चोट के निशान
 

वन विभाग की टीम ने मृत मगरमच्छ को निजी साधन से चकिया राजकीय पशु चिकित्सालय लाया गया। जहां तीन पशु चिकित्सकीय टीम ने मृत मगरमच्छ का पोस्टमार्टम किया।
 

चंदौली जिला के चकिया कोतवाली अंतर्गत चंद्रप्रभा नदी स्थित मुजफ्फरपुर बीयर छलका के नीचे मंगलवार को मृत मगरमच्छ मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया। मगरमच्छ के मुंह व सिर पर चोट के निशान था जिससे चोटिल होकर मौत होने की आशंका जताई जा रही है। पहुंची वन विभाग की टीम ने मृत मगरमच्छ को निजी साधन से चकिया राजकीय पशु चिकित्सालय लाया गया। जहां तीन पशु चिकित्सकीय टीम ने मृत मगरमच्छ का पोस्टमार्टम किया।

बताते चलें कि चंद्रप्रभा सिस्टम पर मुजफ्फरपुर बीयर छलका के नीचे मृत अवस्था में वन्यजीव मगरमच्छ को चकिया वन रेंज अंतर्गत मुजफ्फरपुर नर्सरी में तैनात वन वाचर मुरारी मौर्य को जानकारी हुई तभी वाचर ने वन विभाग के  उच्चाधिकारियों को सूचना दी। सूचना मिलते ही वन क्षेत्राधिकारी राजपथ के नेतृत्व में वन दरोगा राम अशीष, फॉरेस्ट गार्ड सुरेंद्र राव, लाल बहादुर, पंकज, केशव, प्रेम, काशी वन कर्मी मौके पर पहुंच गए। 

चंद्रप्रभा नदी से मृत मगरमच्छ को वन कर्मियों ने अथक प्रयास कर बाहर निकाला। वन कर्मियों के अनुसार मृत मगरमच्छ मादा था, उम्र लगभग ढाई वर्ष व लंबाई लगभग 7 फीट है। 

निजी वाहन से मगरमच्छ को राजकीय पशु चिकित्सालय लाया गया। जहां चिकित्सक डाक्टर हरिवर्धन सिंह, डाक्टर महेंद्र प्रताप सिंह, डा सुजीत सिंह की टीम ने मृत मगरमच्छ का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के दौरान मगरमच्छ के मुंह व सिर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं। मृत मगरमच्छ कई दिनों से मरा पड़ा था जिससे उसके शरीर से दुर्गंध आ रहा था। 

वन क्षेत्राधिकारी पीटी रावत ने बताया कि मृत मगरमच्छ के शव को चकिया रेंज परिसर में चिता लगाकर जलाया गया। मगरमच्छ के मौत के कारणों पर उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मगरमच्छ के मौत के कारणों का पता चलेगा।