राजकीय सम्मान के साथ लोकतंत्र सेनानी शिव मूरत चौबे को दी गई अंतिम विदाई
 

लोकतंत्र सेनानी शिवमूरत चौबे 1975 के आपातकाल के दौरान तत्कालीन सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन दिया था। जिसके चलते उन्हें वाराणसी के जेल में 29 दिनों तक कारागार में रहना पड़ा था।
 

शहाबगंज क्षेत्र के ढुन्नू गांव निवासी थे शिव मूरत चौबे

पुलिस के जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

चंदौली जिले के शहाबगंज क्षेत्र के ढुन्नू गांव निवासी लोकतंत्र सेनानी शिवमूरत चौबे (80 वर्ष) का शनिवार की शाम को वाराणसी के एक निजी चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। मौत की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। इसके बाद शव गांव में पहुंचने के बाद राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दिया गया। वहीं ग्रामीणों, प्रशासनिक अधिकारियों, लोकतंत्र सेनानियों ने श्रद्धांजलि अर्पित किया। इसके बाद मर्णिकर्णिका घाट पर उनके पुत्र चन्दन चौबे ने उनको मुखाग्नि दी।

आपको बता दें कि लोकतंत्र सेनानी शिवमूरत चौबे 1975 के आपातकाल के दौरान तत्कालीन सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन दिया था। जिसके चलते उन्हें वाराणसी के जेल में 29 दिनों तक कारागार में रहना पड़ा था। उनकी शव यात्रा तिरंगें झंड़े में लपेटकर कर निकाली गयी। जिसमें भारी संख्या में ग्रामीणों ने शामिल होकर नम आंखों से विदाई दिया। पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी।

इस दौरान लोकतंत्र सेनानी राम नगीना, कानूनगो रामरक्षा, उपनिरीक्षक रमाशंकर, लेखपाल रामबाबू, राजेश यादव प्रधान कमला सिंह, गिरजा प्रसाद, नखडू विश्वकर्मा, नन्दलाल, देवेश जायसवाल, प्यारेलाल, रामजियावन, रामनिवास, मनीष पाण्डेय सहित आदि लोग उपस्थित रहे।