रामकथा के नौवें दिन रामराज्य पर चर्चा, परस्पर प्रीति करने का बताया लाभ
 

उन्होंने बताया कि ज्ञान का आसान भगवान ने जनकपुर में लगाया था। दूसरी भक्ति का आसान सीता ने चित्रकूट में लगाया था और तीसरा आसन लंका में वैराग्य का आसान लक्ष्मण ने लगाया था।
 


 
चंदौली जिले के शहाबगंज के अमांव गांव के बाबा मुरलीधर के परिसर में चल रही रामकथा के नौवें दिन गुरुवार को कथा वाचक आस्था दूबे ने कहा कि जब संसार के सम्पूर्ण प्राणी एक दूसरे से ईर्ष्या, कपट, भेदभाव, चोरी, डकैती, दुराचार करना छोड़ देंगे और सभी मनुष्य  आपस में परस्पर प्रीति करने लगेंगे, तभी राम राज्य आ पाएगा। 

कथा वाचक आस्था दूबे ने बताया कि रामराज्य तब आता है, जब भगवान तीन आसनों पर बैठते हैं। ज्ञान का आसन, भक्ति का आसन और वैराग्य का आसन। उन्होंने बताया कि ज्ञान का आसान भगवान ने जनकपुर में लगाया था। दूसरी भक्ति का आसान सीता ने चित्रकूट में लगाया था और तीसरा आसन लंका में वैराग्य का आसान लक्ष्मण ने लगाया था। इसके बाद लंका विजय के पश्चात चौथा आसान अयोध्या में लगा तो रामराज्य की स्थापना हुई। 

इस मौके पर हौसिला विश्वकर्मा, मनोज यादव फौजी, अमरनाथ यादव, राजू चौहान, सुनील सोनकर ,अनिल, मिथिलेश कुमार, अरबिन्द सिंह, विकास गुप्ता, अभिषेक वर्मा, अनुराग शर्मा, विनोद चौहान, मदन, प्रभावती, रुकमणी, कौशल्या, सावित्री, संगीता, आरती, इंदु आदि भक्त गण उपस्थित रहे।