सरकारी नौकरी से निकालने की गारंटी है भाजपा सरकार, देख लीजिए ये आर्डर
अजय राय ने साधा भाजपा सरकार पर निशाना
सरकारी नौकरी की घोर विरोधी हैं भाजपा सरकार
50 साल पार कर चुके कर्मचारियों को निकालने की तैयारी
प्रदेश के मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के द्वारा पचास वर्ष उम्र पार किए 'समूह' ग और ' समुह' घ अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाने का आदेश आया है ताकि विभाग में छटनी की जा सके। इस तरह की कार्रवाई पर सवाल उठाया जा रहा है। चुनाव में नौकरी देने की गारंटी करने वाली भाजपा की असलियत ये है कि धीरे-धीरे सरकारी नौकरियों को खत्म कर रही है।
इस पत्र का हवाला देते हुए आईपीएफ नेता अजय राय ने कहा कि जबरदस्ती नौकरी से निकालने की साज़िश है। अब सारी नौकरियां संविदा पर भरने का प्लान है। इसीलिए भाजपा सरकार ये काम करने जा रही है, ताकि अधिक से अधिक झटनी की जा सके।
अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार धीरे-धीरे सरकारी नौकरी से लोगों को निकालना चाहती है। बारी-बारी सबको भाजपा सरकार नौकरी से हटाने का प्लान बना रही है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के द्वारा जारी यह आदेश पढ़ने से पता चल रहा है। वहां कार्यरत समूह 'ग' और 'घ' के लिए पचास वर्ष उम्र पार लिए हैं तो लोकहित का हवाला देकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेलें , नहीं तो आपकी कार्यकुशलता और उपयोगिता देखते हुए स्क्रीनिंग कमेटी नियमानुसार कार्रवाई करेगी।
ऐसा लगता है नौकरी से निकालना मोदी सरकार की गारंटी हैं। इसीलिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति की आड़ में उन्हें जबरदस्ती नौकरी से निकलने का आदेश है। उन्होंने कहा कि आज सरकारी नौकरी के लिए हर कोई परेशान हैं।
मण्डल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के बाद समूह ग और समूह घ में भर्ती ज्यादा हुई थी। ठेका प्रथा पहले से विद्युत विभाग में सरकारी नौकरी कर रहे। लोगों की नौकरी की संख्या कम कर दिया हैं। अब यह आदेश और संख्या को कम कर देगा। वहीं यह आदेश के अनुरूप जो लोग अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेंगे तो उनके जगह पर यह सरकार भी भर्ती के लिए आदेश नहीं निकालेगी, उलटे संविदा कर्मी ठेकेदारी प्रथा के तहत भरेगी।
आईपीएफ नेता ने कहा कि यह सरकार के नौकरी देने का वादा सहीं में जुमला है। मोदी जी लगभग हर क्षेत्र में नौकरी से हटाने की गारंटी दे रहे हैं। इसलिए हम को नौकरी बचाने की लड़ाई लड़नी होगी, क्योंकि यह सरकार हर सरकारी नौकरी के सेक्टर को निजीकरण कर रहीं हैं और ठेकेदारी प्रथा को बढ़ा रही है। पढ़ते-पढ़ते और नौकरी के दौड़ते-भागते एक लम्बी उम्र बीत जाती तब नौकरी नसीब होता हैं और तब कुछ साल के बाद ही आप उम्र के अनुसार कार्यकुशलता और उपयोगिता देखकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने के लिए स्क्रीनिंग समिति बना देंगे तो उनकी क्या स्थिति होगी। आज जरूरत है ठेकेदारी प्रथा को हटाने, संविदा के अनुसार भर्ती हटाकर स्थायी नौकरी देने की, लेकिन यह सरकार नहीं करेगी।
अजय राय ने कहा कि इसलिए रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की लड़ाई लड़ने की जरूरत है, जिसमें हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्राविधान हो। अभी भी देशभर में एक करोड़ सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्रों में रिक्त पद हैं, जिन पर शीघ्र व पारदर्शी भर्ती की जरूरत है। ऐसा न करने पर सर राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय के अनुपात में बेरोज़गारी भत्ता और नौजवानों को करोबार के लिए ब्याज मुक्त ऋण देने की गारंटी होनी चाहिए।