मोदी जी के शासन काल में खेती और लोकतंत्र पर हमला, दमनकारी नीतियों पर दे रही जोर
 

कहा जा रहा है कि मोदी जी की सरकार ने तीन किसान विरोधी काले कानून लाकर व किसानों के  आंदोलन के दबाव में वापस करने का वादा करके मुकर जाना, भाजपा सरकार के किसान विरोधी चरित्र को उजागर कर दिया है।
 

आईपीएफ नेता अजय राय ने साधा निशाना

पूछा चंदौली में एक भी सरकारी कोल्ड स्टोरेज क्यों नहीं

 गेहूं की तरह घर जाकर धान भी क्यों नहीं खरीदती सरकार

कब मिलेगा किसानों को फसलों के लागत मूल्य से दुगना 

 

कहा जा रहा है कि मोदी जी की सरकार ने तीन किसान विरोधी काले कानून लाकर व किसानों के  आंदोलन के दबाव में वापस करने का वादा करके मुकर जाना, भाजपा सरकार के किसान विरोधी चरित्र को उजागर कर दिया है। किसानों के फसलों का लागत मूल्य से  दुगना ज्यादा देने का वादा जुमला साबित हुआ है, फिर किसान उनकी सरकार पर भरोसा कर मौका क्यों कर रहे हैं। 

आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय व अखिलेश दुबे ने करईल के किसानों से जनसंवाद करते हुए कहा  कि हडौरा, घोड़सारी, खिलची, इमलिया, पहाड़पुर, लेहरा में प्रतिष्ठित किसान नेता व आम किसानों से जनसंवाद करते हुए कहा कि जब किसानों का धान की खरीद का वक्त आता हैं तो किसानों की धान की खरीद क्रय केंद्र पर नहीं होती हैं और जब व्यापारियों द्वारा अच्छी कीमत पर गेहूं की खरीद होती हैं तो कम कीमत पर किसानों से गेहूं खरीद करने के लिए दरवाजे तक सरकारी क्रय करने वाले पहुंच जाते हैं।  किसानों की जायज मांगों को सरकार नहीं मानती हैं और कार्पोरेट घरानों के हित के लिए किसानों की खेतों का कम कीमत पर अधिग्रहण किया जाता है। 

 किसानों की मांगों के लेकर हर लोकतांत्रिक आंदोलन पर मोदी जी की सरकार ने हर समय पर दमन किया है। एक तरफ तो मोदी जी कहते हैं कि हमने किसान सम्मान निधि के तहत हर साल छः हजार रुपए दिए है। दूसरी तरफ खाद की वजन घटा दिया, बीज और कीटनाशक दवाओं का दाम बढ़ा दिए हैं। नहरों माइनरों की सफाई न होने से किसानों की बर्बाद हो जाती हैं। पूरे चंदौली जनपद में एक भी फल व सब्जी के लिए कोई कोल्ड स्टोरेज नहीं है। पेट्रोल डीजल का दाम बढ़ने किसानों फसलों का लागत मूल्य बढ़ जा रहा है और किसानों को सहकारी खेती के लिए प्रेरित करने की दिशा में यह सरकार का कोई दृष्टिकोण नहीं है।

जब मोदी जी की सरकार शून्य ब्याज दरों पर कार्पोरेट घरानों को लोन दे सकती है और कार्पोरेट घरानों द्वारा घाटा दिखाने पर लोन माफ कर सकती हैं तो किसानों के खेती के लिए शून्य ब्याज दरों पर लोन क्यों नहीं दे सकती और किसानों के कर्ज़ माफी क्यों नहीं कर सकती है।

दोनो  नेताओं ने कहा कि आज भी किसानों पर गाड़ी चढ़ाने वाले के पिता व किसानों को धमकाने वाले मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं और किसान आंदोलन करने वाले पर गम्भीर धाराओं में मुकदमा मोदी जी सरकार की उपलब्धि है। आज देश में लोकतंत्र की रक्षा करने, किसानों की खेती को बचाने, बिक्री हो रही मोदी जी सरकार द्वारा सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा के लिए और नौजवानों की भविष्य से खिलवाड़ करने व मंहगाई पर रोक लगाने में विफल सरकार  लोकसभा चुनाव में हराया जाना बहुत जरूरी है। यह सरकार ने आम नागरिकों के समक्ष भी आजीविका का संकट खड़ा कर दिया है। इस सरकार में जन सामान्य का विरोध प्रदर्शन भी बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं है।  किसान नेताओं पर गम्भीर मुकदमा दर्ज करवाकर दमन कर रही है।