पौधारोपण के साथ-साथ पौधे की सुरक्षा करना भी जरूरी,  अजय राय ने पत्नी के साथ लगाए पेड़
 

आज चकिया के जंगल में कीमती पेड़ गायब हो गए हैं । आज पेड़ भी फलदार कम लग रहे हैं और जंगल रक्षा की जबावदेही जंगल के मूल निवासियों न दी जाएगी, तब तक वन की रक्षा नहीं हो सकती है।
 

चंदौली जिले के चकिया इलाके में पौधारोपण करके कहा कि पेड़ आज जीवन की रक्षा के लिए बहुत जरूरी हैं, लेकिन व्यवसाय के उपयोग लिए जंगल की जबरदस्त कटाई हो रही है और कागज में आंकड़े पेश करने के लिए पौधे लगाए जा रहे है। आईपीएफ नेता अजय राय ने अपने वैवाहिक जीवन के तैंतीस वर्ष पूरे होने पर रसिया जंगल में कई फलदार व इमारती पौधे पत्नी गीता राय के साथ जाकर लगाया।

 भले ही कागजों पर काफी मात्रा में पौधारोपण किया जा रहा है, लेकिन आंकड़े बताते हैं उसमें कम ही पौधों की रक्षा हो पाती है। इसलिए जंगल की क्षेत्रफल कम होता जा रहा है। एक तरफ तो प्रधानमंत्री जी मां के नाम पर पौधारोपण करने  को कहते हैं, दूसरी तरफ बड़े कार्पोरेट घरानों को जंगल काटने की खुली छूट दे रहे हैं। आज रोजाना किसके शह पर इमारती लकड़ी कट रही है, सबको मालूम हैं। आज मौसम के हिसाब से पौधारोपण नहीं होता है। तारीख के हिसाब से होता है।

 ग्राम सभाओं में पिछले साल लगे पौधे की गंभीरता से जांच कराई जाए तो पोल खुल जाएगी। पौधे से हमें आक्सीजन मिलता हैं, लेकिन निश्चित तारीख को पेड़ लगाते हुए कई जनप्रतिनिधि  पौधे पकड़ कर फोटो खिंचवाने से क्या हम अपने पौधारोपण के कर्तव्य को पूरा कर लिया है। हर साल तो इस तरीके से पौधारोपण होता है।

  नगर पंचायत चकिया में पिछले कार्यकाल में आठ लाख का पौधारोपण हुआ था। हम कितने पौधे की रक्षा कर पाए।  हर साल ग्राम सभा में सरकारी लक्ष्य से पौधे पौधारोपण के लिए भेजे जाते हैं, कितने आज सुरक्षित हैं । आज व्यवसाय के लिए जंगल की अंधाधुंध कटाई हो रहीं हैं। आज चकिया के जंगल में कीमती पेड़ गायब हो गए हैं । आज पेड़ भी फलदार कम लग रहे हैं और जंगल रक्षा की जबावदेही जंगल के मूल निवासियों न दी जाएगी, तब तक वन की रक्षा नहीं हो सकती है।

 आज जंगल में बसे मूल निवासियों को उजाड़ कर कार्पोरेट घरानों को दिया जा रहा है। पेड़ लगाते की सरकार व जंगल विभाग के पास कोई स्पष्ट रूपरेखा नहीं है। एक तरफ सरकार व जंगल विभाग रोड़ के किनारे काफी  पैसा खर्च कर पेड़  लगाती हैं और फिर रोड़ चौड़ीकरण करतें समय काट देती है। कोयला व विभिन्न अयस्क कार्पोरेट घरानों को उपलब्ध कराने के चक्कर में कीमती जंगल को काट देती हैं और वहां बसे मूल निवासी विरोध करते हैं तो दमन करते हैं। दूसरी तरफ एक पौधे को पौधारोपण करते समय फोटो खिंचवा कर नाटक करते हैं। लेकिन फिर भी पौधारोपण कर पर्यावरण की रक्षा करने की संकल्प लेने की सबको जबावदेही लेनी होगी। हमने हर साल रसिया जंगल में एक निश्चित जगह पर हर साल पौधारोपण करता हूं और उस लगाए पौधे की रक्षा भी करता हूं। उसी का परिणाम है।

आज कई पेड़ आम, अमरूद, कटहल, आंवला सहित कई इमारती लकड़ी मौजूद हैं। फलदार  पेड़ फल भी दें रहें है। आईपीएफ वनाधिकार कानून के तहत जो पुश्तैनी जगल की जमीन पर मालिकाना हक दिलाने की लड़ाई जरूर लड़ती हैं  लेकिन जो नये तरीके से नई जगह जंगल कटाई करते हैं उसके हम विरोधी है।  पौधारोपण करने व रक्षा करने का संकल्प ले।