IPF सदस्य अजय राय का भाजपा पर तंज, लोकसभा चुनाव 2024 में एजेंडे पर करें वोट

नौगढ़ की स्थानीय निवासियों के द्वारा मिर्च और टमाटर पैदा होने पर आचार व चटनी की कुटीर उद्योग लगाकर रोजगार सृजन भी होता और फसलों की कीमत भी सहीं मिलता।
 

पूरे क्षेत्र में चल रहा है एजेंडा लोकसभा चुनाव 2024

आईपीएफ द्वारा चलाया जा रहा संवाद सम्पर्क अभियान

राबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र में जनता के मुद्दे हैं हावी

चंदौली जिले के चकिया क्षेत्र में आईपीएफ राज्य कार्य समिति के सदस्य अजय राय ने कहा कि देश की आर्थिक संप्रभुता को क्षति पहुंचाने, समाज के मैत्री भाव को नष्ट करने और संविधान में दिए हुए लोकतंत्र व न्याय के अधिकार पर हमला करने वाली भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार के विरुद्ध राबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र में जनता चुनाव लड़ रही है। हम अपने एक महीने से चलाए जा रहे एजेंडा लोकसभा चुनाव संवाद सम्पर्क अभियान में गांव-गांव किए हुए सर्वे के आधार पर यह कह सकते हैं कि इस क्षेत्र में जनता भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ खड़ी है और इस चुनाव में उनकी हार सुनिश्चित है।

उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों का मत है कि यदि कॉर्पोरेट घरानों के ऊपर संपत्ति और उत्तराधिकार टैक्स लगा दिया जाए तो देश के हर नागरिक को रोजगार, बेहतर और मुफ्त शिक्षा-स्वास्थ्य, वृद्धावस्था पेंशन और आवास के अधिकार की गारंटी की जा सकती है। लेकिन कॉरपोरेट को लाभ पहुंचाने में लगे प्रधानमंत्री मोदी इसे करने की जगह इस सवाल पर देश को गुमराह कर रहे हैं।
      
उन्होंने कहा कि राबर्ट्सगंज  लोकसभा देश के सर्वाधिक पिछड़े जिलों में आता है और नौगढ़ का आदिवासी बाहुल्य इलाका तो और भी पिछड़ेपन का शिकार है। चाहे जिसकी भी सरकार रही हो यह इलाका उपेक्षित ही रहा है। यहां बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है और युवा लड़के ही नहीं बल्कि लड़कियां भी अपनी आजीविका के लिए दूसरे राज्यों में जाकर काम करने के लिए मजबूर हैं। यहां मजदूरों के साथ-साथ बैंकों में जमा लोगों की पूंजी का भी पलायन हो रहा है। इस स्थिति से इस इलाके को बचाया जा सकता है और रोजगार सृजन किया जा सकता है बशर्तें की सरकारें इसे करने की इच्छा शक्ति दिखाएं। यहां सरकार किसानों की सिंचाई के लिए नहर माइनर की सफाई व बंधें की मरम्मत को पूरा किया जाता, किसानों  के खेतों  में पानी पहुंचाया जा सकता था और पानी के अभाव में फसलें नहीं सुखती  वही नौजवानों के कारोबार के लिए ब्याजमुक्त ऋण, महिला स्वयं सहायता समूह के कुटीर व लघु उद्योग के विस्तार के लिए ब्याज मुक्त कर्ज, वन विभाग की खाली जमीनों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए गांव की सहकारी समितियां को दिया जाए तो निश्चित रूप से न सिर्फ पलायन पर रोक लगती बल्कि क्षेत्र का पिछड़ापन भी दूर होता।

नौगढ़ की स्थानीय निवासियों के द्वारा मिर्च और टमाटर पैदा होने पर आचार व चटनी की कुटीर उद्योग लगाकर रोजगार सृजन भी होता और फसलों की कीमत भी सहीं मिलता। वनाधिकार कानून भी विफल हो गया  राबर्ट्सगंज  व चंदौली में मुख्यमंत्री जी के आगमन के बावजूद व माननीय राजनाथसिंह जी गृह जनपद व उनकी घर राबर्ट्सगंज लोकसभा में होने के बावजूद बहुतायत आदिवासी व वनाश्रित अभी भी वनाधिकार में पट्टे आवंटन से वंचित हैं। कथित डबल इंजन की सरकार के बावजूद व माननीय राजनाथ सिंह जी का घर चकिया विधानसभा में होने के बावजूद  भोका कट परियोजना की मंजूरी नहीं मिली हैं नतीजा पानी के अभाव में शिकारगंज के इलाकों में फसलें सुख जा रहीं हैं ।

पूरे वनगांवा में एक भी सरकारी स्वास्थ्य चिकित्सालय व लड़कियों के लिए कालेज नहीं हैं । शुध्द पेयजलापूर्ति नहीं हो पा रहीं हैं। इन जन मुद्दों पर पूरे इलाके में जन संवाद अभियान चल रहा है और हम उम्मीद करते हैं कि भाजपा के विरुद्ध लड़ रहे विपक्षी दल भी इन सवालों पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करेंगे।
    
  उन्होंने कहा प्रति व्यक्ति औसत राष्ट्रीय आय 1.7 लाख के सापेक्ष आम आदमी की आय बेहद कम है और असमानता रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। 93 फीसद परिवार 10 हजार रूपए से कम वेतन पर गुजारा कर रहे हैं।

कहा कि राष्ट्रीय आय का बहुतायत हिस्सा कारपोरेट्स द्वारा हड़प लिया गया है। लोगों को राष्ट्रीय आय में वाजिब हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने और हर परिवार के एक सदस्य के सरकारी नौकरी का मुद्दा उठाया। कहा कि यहां शिक्षा और स्वास्थ्य बुरा हाल है। शिक्षकों व विशेषज्ञ चिकित्सकों के सृजित पद भी बड़े पैमाने पर रिक्त हैं।


आदिवासी-दलित छात्राएं आवश्यक शिक्षण संस्थानों के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित हैं।  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तय मानक से एक चौथाई इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं है और छोटी- मोटी बीमारी में भी मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।