छत्रबली सिंह पर तालाब कब्जाने का आरोप, जवाब में बोले- सरकारी पैसे से हो रहा अमृत सरोवर का काम  
 

चंदौली जिला के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह गांव के कुछ लोग धनबल के साथ राजनीतिक पद और प्रतिष्ठा पाने के बाद कोर्ट के निर्देश को ताख पर रखने का आरोप लगा रहे हैं।
 

विरोधी दे रहे हैं हाईकोर्ट के आदेश का हवाला

तालाब की भूमि पर अतिक्रमण का आरोप गलत

 सरकारी पैसे निर्माण कार्य करवा रहे हैं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह

 

चंदौली जिला के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह गांव के कुछ लोग धनबल के साथ राजनीतिक पद और प्रतिष्ठा पाने के बाद कोर्ट के निर्देश को ताख पर रखने का आरोप लगा रहे हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके छत्रबली सिंह शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत अपने पैतृक गांव तियरी में तालाब की सरकारी भूमि को कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि छत्रबली सिंह का कहना है कि तालाब को अमृत सरोवर योजना के तहत तैयार किया जा रहा है और सरकार के पैसे से काम हो रहा है। विरोधी केवल सरकारी काम में अडंगा डालने के लिए ऐसा आरोप लगा रहे हैं।

गांव के लोगों का आरोप है कि उन्होंने उसमें विधिवत बाउंड्री खड़ा करके पूरी तरह से अपने कब्जे में करने की कोशिश कर रहे हैं। तालाब पर निर्माण कार्य आज भी जारी है, जबकि उक्त भूमि को कब्जा कर निर्माण कार्य किए जाने के मामले में हाई कोर्ट द्वारा गांव के अभिमन्यु सिंह तथा अन्य ने रिट पटीशन भी दाखिल किया है, जिसमें बीते 5 अप्रैल को उच्च न्यायालय द्वारा कार्य पर रोक लगाई जाने का स्थगन आदेश भी मिल चुका है। बावजूद राजनीतिक प्रभाव के चलते तालाब की भूमि पर निर्माण कार्य लगातार जारी है।

बताते चलें कि तियरी गांव में आराजी नंबर 152 रकबा 0.114 हेक्टर आराजी नंबर 151 रकबा 0.266 हेक्टेयर अभिलेखों में तालाब दर्ज है। तालाब ग्रामवासियों को सिंचाई कार्य व पशुओं को पानी पीने के काम में आता रहा है। जबकि वर्ष 2018 में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पिता वकील सिंह द्वारा ताल पर अतिक्रमण करके निर्माण कार्य किया जा रहा था। इसके बाबत तहसील प्रशासन द्वारा टीम गठित करके धारा 67(1) उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के अंतर्गत 1119/2018 कायम किया गया।

 मुकदमा के दौरान वर्ष 2023 में वकील सिंह की मृत्यु होने के बाद 9 जून 2023 को बेदखली वाद समाप्त कर पुनः अतिक्रमण के संदर्भ में अख्या राजस्व निरीक्षक से वादी पक्ष द्वारा मांगी गई थी, मगर प्रतिवादी पक्ष के दबाव में आकर राजस्व निरीक्षक द्वारा कोई अख्या तथा किसी भी प्रकार की कार्रवाई प्रतिवादी के विरुद्ध नहीं की गई। जिसके कारण प्रतिवादी द्वारा अतिक्रमण जारी रखते हुए तालाब की पटाई कर निर्माण कर लगातार जारी रखा गया। बावजूद तहसील प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई तो वादी पक्ष अभिमन्यु सिंह व अन्य ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट संख्या 720/2024 दाखिल किया, जिस पर न्यायालय द्वारा 5 अप्रैल 2024 को स्थगन आदेश पारित हुआ। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी तहसील प्रशासन द्वारा सरकारी भूमि पर हो रहे निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगाया गया और निर्माण कार्य लगातार जारी है।

 वहीं इस बारे में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह बताया कि यह जो निर्माण कार्य कराया जा रहा है। वह कार्य ग्राम पंचायत निधि तथा क्षेत्र पंचायत निधि से अमृत सरोवर की योजना के तहत कराया जा रहा है, जो बाउंड्री बनाई जा रही है, वह अमृत सरोवर की बाउंड्री बनाई जा रही है। उनकी कोई व्यक्तिगत बाउंड्री नहीं बन रही है।


इसके पहले जैसे उनको ज्ञात हुआ थी कि यह जलाशय की जमीन है तो पूर्व के बनाए गए गेट को खुद ही तोड़वाकर पीछे कर लिया गया था। 

छत्रबली सिंह बताया कि जलाशय की जमीन की  पैमाइश तहसील स्तर से कराई जा रही है। इसके साथ ही साथ बता दें कि इस जलाशय में गांव का गंदा पानी जा रहा था जिस तालाब का उपयोग नहीं हो पा रहा था। उसके लिए नाली बनाकर गंदे पानी की निकासी को अलग किया जा रहा है, ताकि अमृत सरोवर में स्वच्छ पानी रहे और यहां के जानवरों तथा लोगों के लिए यह अमृत सरोवर उपयोग में लाया जा सके। यही काम गांव के कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है।  विपक्षी केवल इस कार्य को देखकर तालाब कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि इस तालाब का सौंदरीकरण किया जा रहा है। यह जनपद के अमृत सरोवर के लिस्ट में यह पहले से ही चयनित तालाब है।