स्वास्थ्य विभाग की आशा रेहाना ने लगा ली फांसी, पारिवारिक कलह से तंग आकर दे दी जान
फांसी के फंदे पर झूलकर कर ली आत्महत्या
स्वास्थ्य विभाग में आशा के पद पर करती थी काम
इस बात पर हुयी थी परिवार में अनबन
चंदौली जिला के चकिया कोतवाली अंतर्गत गांधीनगर गांव में पारिवारिक कलह से तंग आकर रेहाना 30 वर्ष में बुधवार को पूर्वाहन 11 बजे फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी ईह लीला समाप्त कर ली। जैसे ही परिवार के लोगों को जानकारी हुयी तो परिवार में हाहाकार मच गयी।
बताते चलें कि रेहाना स्वास्थ्य विभाग में आशा के पद पर कार्यरत थी। पति रसीद मकान से कुछ दूरी पर मुख्य मार्ग पर सैलून का दुकान खोलकर बाल बनाने का काम करता है। रसीद पत्नी और अपने दो पुत्रों के साथ पिता हफीजुल्ला से पिछले चार माह से अलग रहता था। हफीजुल्ला के चार पुत्रों में रसीद दूसरे नंबर का था।
चर्चा है कि बंटवारे में पर्याप्त बर्तन, सामग्री न मिलने के कारण रेहाना की सुबह परिवार वालों से कहासुनी हुयी थी। इसी बात को लेकर वह पति रसीद से भी लड़ाई झगड़ा कर चुकी थी। इसके अलावा छोटे पुत्र असगर को असाध्य रोग डीएमडी होने से वह काफी दुःखी रहा करती थी।
बुधवार को 10 बजे रसीद दुकान खोलने चला गया तो रेहाना ने घर में रहे दोनों पुत्रों को पैसे देकर जलेबी खरीदने के लिए बाजार भेज दिया और घर में रस्सी के सहारे झूलकर अपनी जान दे दी। बाजार से वापस आए पुत्र आशीन (8 वर्ष) और असगर (6 वर्ष) ने देखा कि मां गले में रस्सी लगाकर लटकी हुई है तो वह दौड़कर पिता रसीद को घटना की जानकारी दी। जिस पर रसीद मौके पर आकर रस्सी को काटकर पत्नी रेहाना को बचाने का प्रयास किया। मगर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस क्षेत्राधिकारी आशुतोष त्रिपाठी तथा चौकी प्रभारी दुर्गा दत्त यादव मौके पर पहुंच गए और शव को कब्जे में लेकर अंत्य परीक्षण हेतु जिला अस्पताल भेज दिया।
सीओ आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि रेहाना की मौत के कारणों का पता पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा। उसी हिसाब से मामले में कार्रवाई भी की जाएगी।