बनभीषमपुर पंप कैनाल के मरम्मत के नाम पर लाखों की हेरा फेरी, खूब हुयी है पैसे की बंदरबांट
 

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत वनभीषमपुर पंप कैनाल के मरम्मत में मानक की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। वहीं पंप कैनाल से जुड़े माइनर निर्माण के बाद पानी की आपूर्ति होते ही ध्वस्त हो गई।
 

निर्माण के बाद भी ध्वस्त हो गई माइनर

सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल डूबकर हुई बर्बाद

देखिए कौन करता है मामले की जांच पड़ताल

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत वनभीषमपुर पंप कैनाल के मरम्मत में मानक की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। वहीं पंप कैनाल से जुड़े माइनर निर्माण के बाद पानी की आपूर्ति होते ही ध्वस्त हो गई। जिससे पिछले दिनों किसानों की सैकड़ो एकड फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई।

  विदित हो कि मुसाखांड बांध से निकले कर्मनाशा नदी सिस्टम पर दशको पूर्व पंप कैनाल का निर्माण किया गया। पंप कैनाल से पाइप लगाकर गांव के किसानों की खेतों की सिंचाई की जाती रही है। समय बीतने के साथ ही पाइप कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया। जगह-जगह पानी लिक करने लगा, जिससे खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा था जिसके कारण सिंचाई कार्य बाधित होने लगी। और किसानों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गया था। किसानों के लंबे समय से मांग के बाद पंप कैनाल के मरमत तथा माइनर निर्माण हेतु डेढ़ करोड़ से ज्यादा की धनराशि अवमुक्त हुई। मगर मरम्मत तथा निर्माण कार्य में मानक की जमकर धज्जिया उड़ाई गई।

 

 आरोप है कि पंप कैनाल की क्षतिग्रस्त भवन की नवनिर्माण की जगह सिर्फ मरम्मत कराया गया, पेयजल के लिए लगाया गया हैंडपंप में सामान्य बोरिंग करके काम पूरा दिखा दिया गया है जिससे गर्मी के दिनों में पीने की पानी की किल्लत होने की गंभीर समस्या उठ खड़ी हो गई है। वहीं किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए साढे तीन सौ मीटर माइनर का निर्माण कराया गया, निर्माण के बाद पिछले दिनों माइनर में पानी छोड़ गया आपूर्ति होते ही 50 मीटर की दूरी तक माइनर ध्वस्त हो गया जिससे लगभग 700 एकड किसानों के गेहूं की फसल पानी में डूब कर बर्बाद हो चुकी है। 

इस मामले में पिछले दिनों किसान घनश्याम यादव ने एडीएम अभय कुमार को प्रार्थना पत्र देकर मामले से अवगत कराया था। जबकि किसान नंदलाल यादव, प्रेम यादव, बृजेश, रवि, बीरबल, सुरेंद्र, रामजन्म, निर्मल, वीरेंद्र, उमेश, चिरंजीवी, ललता बनवासी, रामसूरत, विष्णुशरण, राजेश यादव आदि किसानों ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार द्वारा माइनर मरम्मत में दोयम दर्जे का ईट, मानक के विपरीत सीमेंट तथा कर्मनाशा नदी के बालू का उपयोग किया गया है।

 

  इस संदर्भ में अवर अभियंता मौर्य का कहना है कि पंप कैनाल से जुड़े सारे कार्य कराए जा रहे हैं। माइनर की नए सिरे से आरसीसी ढलाई के साथ कार्य कराया जाएगा, कार्य में पूरी तरह से गुणवत्ता का ध्यान दिया जा रहा है।