रामकथा के आठवें दिन, अमांव में भरत मिलन की कथा सुन आंखें हो गयीं नम
 

शहाबगंज थाना क्षेत्र के अमांव गांव में कर्मनाशा नदी के तट पर बाबा मुरलीधर खेल मैदान में चल रही 9 दिवसीय संगीतमय रामकथा के आठवें दिन कथा व्यास आस्था दुबे ने भरत मिलाप का वृत्तांत सुनाया।
 

9 दिवसीय संगीतमय रामकथा जारी

व्यास आस्था दुबे ने भरत मिलाप का वृत्तांत सुनाकर किया ङाव विभोर

कहीं नहीं मिलता ऐसा भाई का प्रेम

 

चंदौली जिले के शहाबगंज थाना क्षेत्र के अमांव गांव में कर्मनाशा नदी के तट पर बाबा मुरलीधर खेल मैदान में चल रही 9 दिवसीय संगीतमय रामकथा के आठवें दिन कथा व्यास आस्था दुबे ने भरत मिलाप का वृत्तांत सुनाया। राम भरत मिलन की कथा सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। श्रोताओं की आंखें नम हो गईं।

 भरत चले चित्रकूट हो रामा.. राम को मनाने, सियाराम को मनाने  भरत प्रभु श्रीराम से मिलने को इतना व्याकुल हो उठते हैं कि उनके रातों की नींद व दिन का चैन छीन गया था। आखों से अश्रु धारा निकल रही थी , कब बड़े भाई श्रीराम के दर्शन हो। एक एक पल उनके लिए वर्षों समान बीत रहा था भरत जी जब चित्रकुट के निकट पहुंचते हैं तथा आश्रम में प्रवेश करते ही जब अपने बड़े भाई श्रीराम को देखते हैं तो मानो उनका सारा दुख और कष्ट मिट गया। 

कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान राम का बनवास का रूप कमर में मुनियों का वस्त्र बाधे हैं और उसी में तरकस कसे हैं। हाथ में बाण और कंधे पर धनुष है। इसके बाद भरत और राम का मिलाप होता है तथा श्रीराम अपने अनुज भरत को अपनी बाहों में भर लेते हैं। मानों भरत के सीने पर चल रहे बाण शांत हो गए हैं।

राम भरत का  मिलाप देखकर देवता भी नतमस्तक होते हुए फूलों की वर्षा करने लगे। वहीं दोनों भाइयों के अटूट प्रेम को देख वहां के पत्थर तक पिघल गए भाइयों का ऐसा प्यार संसार में कहीं देखने को नहीं मिलता। 

इस दौरान होसिला विश्वकर्मा, राजू चौहान, शालिक चौहान, शारदा मौर्य, अरबिंन्द गुप्ता, राधेश्याम गुप्ता, हीरा लाल यादव, सहित बड़ी संख्या भक्त गण शामिल रहे।