बुद्ध पूर्णिमा पर दीपों की रोशनी से जगमग हो उठा बौद्ध स्थल, घुरहूपुर की पहाड़ी पर आयोजन
बौद्ध मंदिर सैदूपुर तथा सलया में भी आयोजन
ऐसे मनाया गया बुद्ध पूर्णिमा का त्यौहार
खूब लगा बुद्धम शरणम गच्छामि का नारा
इस दौरान खीर बनाकर प्रसाद स्वरूप लोगों में वितरण किया गया वहीं भगवान बुद्ध के पंचशील सिद्धांत पर सबको चलने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर चंदन राय, महेंद्र राजभर, झारखंडे, रामजीत, रमाशंकर, दया, रामनिवास, रघुनाथ, रामसूरत, रामराज, अदालत, गिरिजा, रमाशंकर, मुराहू, झींगुरी, रामविलास, रामपति आदि अनुयाई मौजूद रहे।
इसी प्रकार बौद्ध मंदिर सैदूपुर तथा सलया में भी बौद्ध अनुयायियों ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष मोमबत्ती जलाकर पूजा अर्चन तथा पंचशील पाठ किया। जहां भारी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप खीर का वितरण किया गया।
इस दौरान लालजी सिंह ने कहा कि महात्मा बुद्ध का जीवन मानवता से भरा हुआ था। जीव के प्रति करुणा दया और अहिंसा का संदेश उन्होंने दिया। कहा कि तृष्णा ही दुःखो का कारण है। उपादान सहित तृष्णा का नाश होने से दुःखों का नाश होता है। उन्होंने भगवान बुद्ध के विचारों को आत्मसात करने तथा पंचशील के सिद्धांत पर चलने के लिए सबका आह्वान किया। इस दौरान सफाई कर्मी चंद्रभान को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान शीला गुप्ता, अजय गुप्ता, शंभूनाथ, लालजी सिंह, गौरी शंकर, नंदलाल, वासुदेव, मारकंडेय, श्यामलाल, ओम चंद्र प्रकाश, जेई रामबचन, चिरंजीवी, दशरथ, प्रेमचंद, भोलानाथ सहित भारी संख्या में अनुयाई मौजूद रहे।