फर्जी कागजों पर चल रही था फर्जी फर्म, ऐसे खुली फ्रॉड की पोल, अब जा रहा है जेल

उसने 80 लाख रुपये कोयले की खरीद-बिक्री फर्जी तरीके से की थी। लेकिन उसका जीएसटी नहीं दिया था। जबकि शिकारगंज, चकिया में कोई कोयले की फर्म मौके पर नहीं खोली थी।
 


फर्जी कागजों पर चला रहा था कोयले की फर्म

प्रदीप बिंदवासिनी पांडेय की थी 6 महीने से तलाश

चकिया  कोतवाली पुलिस ने किया गिरफ्तार

चंदौली जिले के चकिया में फर्जी प्रपत्र पर कोयले की फर्म चलाने वाले जालसाज प्रदीप बिंदवासनी पांडेय को कोतवाली पुलिस ने चंदासी (मुगलसराय) से शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। प्रदीप 80 लाख रुपये की खरीद- विक्री कर जीएसटी चोरी करने का भी आरोपित है। वह पिछले छह महीने से फरार था।

आपकों बता दें कि महाराष्ट्र के मुंबई के अहमद चाल एलबीएस मार्ग का मूल निवासी प्रदीप बिंदवासिनी पांडेय पुत्र बिंदवासिनी चंद्रिका पांडेय वाराणसी जनपद के जंसा थाना अंतर्गत चौखंडी पोस्ट हाथी बाजार में अस्थायी तौर पर रहता था। वर्ष 2022 में कोयले की खरीद बिक्री करने के लिए फर्जी प्रपत्र तैयार करके एक फर्म शिकारगंज, चकिया में पंजीयन कराया था। आफिस के लिए शिकारगंज में एक कमरा लिया था। स्टांप पेपर पर कमरा मालिक का फर्जी इकरारनामा तैयार कर प्रपत्र में दिखाया था।

इसके साथ ही उसने 80 लाख रुपये कोयले की खरीद-बिक्री फर्जी तरीके से की थी। लेकिन उसका जीएसटी नहीं दिया था। जबकि शिकारगंज, चकिया में कोई कोयले की फर्म मौके पर नहीं खोली थी। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने 12 दिसंबर 2023 को उपायुक्त राज्य कर विभाग के इंस्पेक्टर विनोद कुमार दुबे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर प्रदीप की खोज में लगी थी। जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

गिरफ्तारी के बाद मीडिया के समक्ष प्रदीप ने स्वीकार किया कि फर्जी प्रपत्रों के आधार पर कोयले की खरीद बिक्री करता था। वह फर्म फर्जी तरीके से इसलिए खोला था कि उसे कोयले की खरीद-बिक्री का जीएसटी न भरना पड़े।

इस दौरान गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक अतुल कुमार, उपनिरीक्षक अवध बिहारी यादव, प्रदीप सिंह, सविनय कुमार सिंह आदि पुलिस कर्मी शामिल थे।