इलिया में बंजर भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर  हाई वोल्टेज ड्रामा: JCB के सामने कूदे ग्रामीण, बैरंग लौटी राजस्व टीम

 

चंदौली के इलिया कस्बे में ग्राम सभा की बंजर भूमि पर अवैध निर्माण ढहाने पहुंची राजस्व टीम को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। हंगामे के चलते जेसीबी बिना कार्रवाई के लौट गई, अब प्रशासन कानूनी प्रक्रिया के बाद सख्त कदम उठाएगा।

 
 

डीह बाबा मंदिर के पास अवैध कब्जा

ग्राम सभा की बंजर भूमि का सीमांकन

जेसीबी चलने से पहले हुआ भारी हंगामा

राजस्व टीम पर रिश्वत के गंभीर आरोप

चंदौली जनपद के इलिया कस्बा स्थित डीह बाबा मंदिर के समीप सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का एक बड़ा मामला गरमा गया है। ग्राम प्रधान सुरेंद्र गुप्ता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। कानूनगो जितेंद्र सिंह और लेखपाल दिनेश कुमार की देखरेख में ग्राम सभा की 0.0820 हेक्टेयर बंजर भूमि का सीमांकन कार्य पूरा किया गया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, ग्राम सभा द्वारा इस भूमि पर पहले ही सूचना बोर्ड लगाया गया था, इसके बावजूद गांव के कुछ रसूखदार लोगों द्वारा वहां अवैध रूप से दीवार खड़ी कर दी गई थी। सीमांकन के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि दीवार पूरी तरह सरकारी भूमि का अतिक्रमण कर बनाई गई है।

जेसीबी की कार्रवाई और मौके पर मचा हंगामा 
सीमांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशासन ने अवैध रूप से निर्मित दीवार को ढहाने के लिए मौके पर जेसीबी मशीन बुलवाई। जैसे ही जेसीबी ने दीवार गिराने के लिए पंजा आगे बढ़ाया, पास में रहने वाले कुछ परिवारों और ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। ग्रामीणों के उग्र तेवरों और बढ़ते हंगामे को देखते हुए राजस्व विभाग की टीम ने सुरक्षा कारणों से तत्काल प्रभाव से कार्रवाई को रोक दिया। जेसीबी को बिना किसी तोड़फोड़ के ही वापस लौटना पड़ा, जिससे प्रशासनिक मुस्तैदी पर सवाल भी खड़े हुए।

पुलिस चौकी पर घंटों चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर
 कार्रवाई स्थगित होने के बाद विवाद थमा नहीं, बल्कि ग्राम प्रधान पक्ष और विपक्षी पक्ष आमने-सामने आ गए। मामला स्थानीय पुलिस चौकी तक जा पहुँचा, जहाँ दोनों गुटों के बीच घंटों तक तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। घंटों की मशक्कत के बावजूद पुलिस और राजस्व टीम किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुँच सकी। तनाव बढ़ता देख कानूनगो जितेंद्र सिंह ने घोषणा की कि अब यह कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया की अगली तिथि तय होने के बाद ही की जाएगी। फिलहाल मौके पर शांति तो है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच कड़वाहट बरकरार है।

राजस्व विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप और ग्रामीणों का आक्रोश 
इस पूरे प्रकरण में एक नया मोड़ तब आया जब कुछ ग्रामीणों ने खुलेआम राजस्व विभाग की टीम पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ दिए। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के कुछ कर्मचारी रिश्वत लेकर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों की मांग है कि ग्राम सभा की जमीन से अवैध कब्जा हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। उनका कहना है कि प्रशासन केवल चुनिंदा लोगों को निशाना न बनाए, बल्कि पूरे क्षेत्र में जहां भी सरकारी जमीन पर कब्जे हैं, उन्हें एक समान नीति के तहत हटाया जाए। अब प्रशासन के लिए इस मामले को निष्पक्षता से सुलझाना एक बड़ी चुनौती बन गया है।