चंदौली में जंगल से गांवों की ओर भाग रहे हैं बंदर, आतंक से लोग परेशान
चंदौली के चकिया, बरहनी और सकलडीहा ब्लॉक के गांवों में जंगल से आए बंदरों का आतंक बढ़ गया है। भोजन की तलाश में ये झुंड घरों में घुसकर सामान नष्ट कर रहे हैं और कई लोगों को घायल कर चुके हैं। वन विभाग जल्द ही विशेष धर-पकड़ अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है।
चंदौली में फेल है वन विभाग की योजना
जंगल में भोजन की कमी से गांवों में बंदरों का आतंक
कई लोगों को काटते और घायल कर रहे बंदर
ग्रामीणों ने उठाए सरकारी व्यवस्था पर सवाल
चकिया, बरहनी, सकलडीहा में बंदरों का हमला जारी
DFO ने कहा- जल्द चलेगा विशेष धर-पकड़ अभियान
चंदौली जिले के चकिया, बरहनी और सकलडीहा ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र आजकल बंदरों के बढ़ते आतंक से जूझ रहे हैं। लगातार कम हो रहे वन क्षेत्र और जंगलों में भोजन-पानी की घोर कमी के कारण बंदरों और लंगूरों के झुंड अब रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे ग्रामीण बेहद परेशान हैं। इन बंदरों ने घरों में घुसकर खाद्य सामग्री उठा ले जाने से लेकर फसलों को भारी नुकसान पहुँचाने और लोगों को घायल करने तक की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।
घरों और खेतों में लगातार नुकसान
ग्रामीणों ने बताया कि बंदरों के झुंड घरों के आसपास मंडराते रहते हैं। जरा सी चूक होने पर वे रसोई के पास रखी वस्तुएं, फल, सब्जियां और अन्य खाद्य सामग्री उठा ले जाते हैं। कई परिवारों ने शिकायत की है कि अगर खिड़की-दरवाजे थोड़े भी खुले रह जाएं तो बंदर घर के भीतर घुसकर सामान बिखेर देते हैं और खाने-पीने का सामान उठा ले जाते हैं। जब लोग उन्हें भगाने या मारने का प्रयास करते हैं, तो वे काटने के लिए दौड़ते हैं।
इस समस्या के कारण न केवल ग्रामीण भयभीत हैं, बल्कि बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज़्यादा असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। किसानों की स्थिति और भी विकट है, क्योंकि ये झुंड खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों को अपनी फसलों की रखवाली के लिए अतिरिक्त समय देना पड़ रहा है, जबकि इन वन्यजीवों को पकड़ने के लिए कोई प्रभावी इंतजाम मौजूद नहीं हैं।
डीएफओ ने दिया आश्वासन: जल्द चलेगा विशेष अभियान
बढ़ते आतंक और ग्रामीणों की शिकायत पर वन विभाग ने अंततः सक्रियता दिखाई है। चंदौली जिले के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) बी शिवशंकर ने स्वीकार किया है कि विभाग स्थिति पर गहन नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि विभाग जल्द ही एक विशेष अभियान चलाकर प्रभावित गांवों से बंदरों की धर-पकड़ शुरू करेगा।
डीएफओ ने बताया कि इस कार्य के लिए एक विशेष टीम तैयार की जा रही है और प्रभावित गांवों में जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे बंदरों को खाने की सामग्री न दें, क्योंकि ऐसा करने से उनकी निर्भरता और गांवों की ओर आवाजाही बढ़ जाती है। ग्रामीणों को संयम और सावधानी के साथ इस स्थिति का सामना करने की सलाह दी गई है। हालांकि, ग्रामीणों का मानना है कि केवल कागजी दावे करने के बजाय धरातल पर जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।