बाल अधिकार के लिए सचेत होने की जरूरत, उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए
 

बाल अधिकार  संरक्षण के  अधिकार के लिए आयोग बना है। साथ ही अधिनियम बनाकर कानून को मजबूत बनाया गया है, जो बाल श्रमिकों, बच्चों के यौन उत्पीड़न  और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है।
 

मानव संसाधन एवं महिला विकास की पहल

ब्लाक सभागार में सम्पन्न हुई गोष्ठी

बाल संरक्षण के मुद्दों को लेकर चर्चा

चंदौली जिले के चकिया इलाके में मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान के तत्वाधान में विकास खण्ड सभागार चकिया में  बाल संरक्षण के मुद्दों को लेकर मीटिंग की गयी, जिसमें बाल विवाह, बाल श्रम, बाल यौन शोषण, बाल तस्करी और अशिक्षा जैसे मुद्दों पर बहुहितधारकों के साथ चर्चा की गयी। इस दौरान स्वयं सेवी संगठन के प्रतिनिधि, पत्रकार , समाजसेवी  एवं अधिवक्ताओं के साथ समन्वय  स्थापित करके काम करने की बातों पर चर्चा किया गया।

कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए ब्लाक प्रमुख शंभूनाथ यादव ने बताया कि बाल विवाह और बाल श्रम एक सामाजिक समस्या है। इसमें सभी अधिवक्ता, पत्रकार, स्वयंसेवी, समाजसेवी संगठन के लोगों को मिलकर आवाज बुलंद करने की जरूरत है।

इस दौरान संस्था के प्रोग्राम मैनेजर  शहनाज बानो के द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया गया कि बाल हितैषी पंचायत में क्या हम सभी का क्या भूमिका निभानी होगी। जिससे सभी बच्चे ग्राम स्तर पर सुरक्षित रहें। ग्राम स्तर पर बच्चों के शिक्षा के साथ साथ खेल का मैदान भी होना चाहिये, जिससे मानसिक और शारिरीक विकास हो सके।

इस दौरान समाजसेवी अजय राय के द्वारा बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम के तहत बच्चों को को 14 वर्ष के निचे काम नहीं कराना चाहिये और जो किशोर(14-18 वर्ष) उनसे कोई जोखिम या खतरनाक उद्योग में नहीं लगा सकते। बाल अधिकार  संरक्षण के  अधिकार के लिए आयोग बना है। साथ ही अधिनियम बनाकर कानून को मजबूत बनाया गया है, जो बाल श्रमिकों, बच्चों के यौन उत्पीड़न  और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है। इनका हनन करने वालों पर कड़ाई से कानूनी कार्रवाई होती है। 2015 में इसमें संशोधन कर  कानून को हल्का कर दिया गया है। फिर भी बच्चों के अधिकार के लिए हमें हर स्तर पर आवाज उठानी चाहिए। बच्चों के अधिकार , शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लड़ने वाले स्वयंसेवी संस्था को हम बधाई देते हैं।

 वहीं आदर्श जन चेतना समिति के डायरेक्टर कृष्ण चंद्रा श्रीवास्तव के द्वारा पॉक्सो एक्ट के तहत विभिन्न प्रकार की धाराएं हैं, जिनको समाज को जानना चाहिए, क्योंकि कानून के अनुपालन करने से  कुछ अपराध कम हो सकता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में विस्तृत रूप से बतायें और इसको रोकने के लिये हेल्प लाइन नंबर का भी कोई प्रयोग कर सकता है।

पत्रकार विजय विश्वकर्मा के द्वारा बताया गया कि बाल हितैषी वातावरण बनाने में हम सभी पत्रकारों का अहम रोल है। कोई बच्चा जोखिम में है तो चौथे स्तम्भ के माध्यम से आवाज को उठाकर न्याय दिलाने में सहयोग किया जा सकता है। रोजा संस्थान से हिटलर सिंह के द्वारा लिंग समानता की बात कही, जिससे बालिकाओं को भी मुख्य धारा से जुड़ सके।

श्रम विभाग से वीरेंद्र पाण्डेय ने श्रमिकों के कानून के बारे में बताया। स्वर्ग संस्था से अन्जाना गुप्ता, खुशी की उड़ान से प्रियंका गुप्ता, DLSA से रजनीश, दिनेश ने भी अपनी बातें रखीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता गणेश प्रसाद विश्वकर्मा के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 72 लोग उपस्थित हुए। कार्यक्रम में परवेज नरायन, रीता, सन्जू, प्रीति, गुलाब, अशोक, सुनील, देवेन्द्र, मुकेश उपस्थित रहे और कार्यक्रम का संचालन अखिलेश कुमार के द्वारा किया गया।