राइजिंग सन वर्ल्ड स्कूल में मेजर ध्यानचंद की जयंती पर बच्चों ने किया उनका स्मरण

ध्यानचंद एक ऐसे करिश्माई खिलाड़ी थे जिन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर दुनिया में देश का नाम रोशन किया।
 

डायरेक्टर प्रवीन रुस्तम ने दी जानकारी

चेयरमैन एमडी शाह आलम ने खेल के महत्व को समझाया

शिक्षकों और विद्यार्थियों ने ध्यानचंद को दी श्रद्धांजलि

चंदौली जिले के राइजिंग सन वर्ल्ड स्कूल में शुक्रवार, 29 अगस्त 2025 को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती 'राष्ट्रीय खेल दिवस' के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर स्कूल के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके जीवन से प्रेरणा ली।

'जीत मेहनत, धैर्य और ईमानदार खेल से आती है'
स्कूल की डायरेक्टर प्रवीन रुस्तम ने मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए कहा, "जीत केवल गोल करने से नहीं मिलती है, जीत मेहनत, धैर्य और ईमानदार खेल से आती है।" उन्होंने कहा कि ध्यानचंद एक ऐसे करिश्माई खिलाड़ी थे जिन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर दुनिया में देश का नाम रोशन किया। उनके अद्भुत कौशल के कारण ही उन्हें 'हॉकी का जादूगर' कहा जाता था।

कार्यक्रम की शुरुआत में स्कूल के एमडी शाहिद अली, चेयरमैन एमडी शाह आलम, डायरेक्टर प्रवीन रुस्तम और वाइस प्रिंसिपल मुकेश कुमार सिंह ने मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

खेल का महत्व
बच्चों को संबोधित करते हुए चेयरमैन एमडी शाह आलम ने कहा, "खेल केवल शारीरिक विकास के लिए ही नहीं, बल्कि जीवन में संयम, अनुशासन और आत्मबल बढ़ाने के लिए भी जरूरी है।" उन्होंने सभी को खेल को जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर वाइस प्रिंसिपल मुकेश कुमार सिंह के साथ स्कूल के सभी शिक्षक भी मौजूद रहे। बच्चों ने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए मेजर ध्यानचंद को याद किया और उनसे प्रेरणा ली।