साहब कब से मिलेगी डीएपी, अभी तक नहीं मिल पायी है एक बोरी भी खाद 

इस तरह से देखा जाए तो चकिया तहसील क्षेत्र के किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। लंबे इंतजार और चिंताओं के बाद अब डीएपी खाद का वितरण शुरू कर दिया गया है।
 

धान की रोपाई शुरू अभी तक नहीं मिली डीएपी की एक बोरी भी खाद

धान की पैदावार पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर

एआर कोऑपरेटिव श्री प्रकाश उपाध्याय का है ये दावा

चंदौली जिले की चकिया तहसील क्षेत्र में धान की रोपाई का कार्य तेज गति से शुरू हो गया है,  लेकिन किसानों को अब तक डीएपी की एक भी बोरी खाद सोसाइटी से नहीं मिल सकी है। यह स्थिति तब है जब जुलाई का दूसरा पखवाड़ा शुरू होने वाला है। जिला कृषि विभाग को बखूबी मालूम है कि जुलाई के पहले और दूसरे पखवारे में खाद की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। बावजूद खाद उपलब्ध न होने से उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना दिखाई दे रही है। जिससे उत्पादन में आने वाली गिरावट को लेकर किसान चिंतित है। 

 किसानों का कहना है कि धान रोपाई का सीजन शुरू होते ही खेती किसानी इस वर्ष भारी संकट से जूझ रही है। कभी नहर में पानी आपूर्ति न होने का परेशानी तो कभी खाद न मिलने के संकट से जूझना पड़ रहा है। बावजूद संबंधित अधिकारी किसानों के गंभीर मामले के तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। अधिकारियों के द्वारा दावा किया जा रहा है कि जिले में लगभग 600 मेट्रिक टन डीएपी है, जिसको जिले की कुल 40 समितियों को भेजा जा रहा है। 

इस संबंध में एआर कोऑपरेटिव श्री प्रकाश उपाध्याय का कहना है कि अभी लगभग 600 मेट्रिक टन डीएपी जिले की कुल 40 समितियां को मिलाकर भेजी जा रही हैं। जिसमें एक-एक ट्रक के हिसाब से एक समितियां को डीएपी उपलब्ध कराई जा रही है। जल्द ही पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध करा दी जाएगी। डीएपी का वितरण एक एकड़ पर एक बोरी व अधिकतम एक व्यक्ति को पांच बोरी तक दिया जाएगा, ताकि सभी किसानों को खाद मिल सके।

इस तरह से देखा जाए तो चकिया तहसील क्षेत्र के किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। लंबे इंतजार और चिंताओं के बाद अब डीएपी खाद का वितरण शुरू कर दिया गया है। धान की रोपाई का कार्य क्षेत्र में जोरों पर है, लेकिन अब तक खाद की कमी से परेशान किसानों को काफी राहत मिलने की उम्मीद जगी है।